ग्रामीणों ने पीट-पीटकर मार डाला, मृतक के 9 वर्षीय पुत्र ने भाग कर बचायी जान
गुमला : मॉब लिंचिंग: पेड़ बचाने की सजा मिली मौत- भरनो थाना क्षेत्र के रायकेरा बांधटोली निवासी
शमीम अंसारी (42) की ग्रामीणों द्वारा हत्या कर दी गयी. घटना शुक्रवार की है.
मृतक शमीम अंसारी रायकेरा वन समिति के अध्यक्ष थे.
वे रायकेरा जंगल में अवैध रूप से जंगल की कटाई करने वालों को रोकते थे.
बताया जा रहा है कि शुक्रवार की सुबह भी कुछ लोग जंगल में लकड़ी काट रहे थे.
तभी शमीम अंसारी ने वन विभाग को इसकी सूचना दी.
उसके बाद वनरक्षी नवल किशोर को बुलाकर ग्रामीणों को जंगल से लकड़ी काटने से मना करने गया था,
जिससे ग्रामीण उग्र हो गए और एकजुट होकर लाठी डंडे
और पत्थर से मारकर शमीम अंसारी की बेरहमी से हत्या कर दी.
जान बचाकर भागे वनरक्षी नवल किशोर
वनरक्षी नवल किशोर को भी उग्र ग्रामीणों ने पीटना शुरू किया तो वो वहां से
किसी तरह जान बचाकर जंगल के अंदर भाग कर अपनी जान बचाई.
घटना की सूचना मिलने पर भरनो पुलिस गांव पहुंची और समीम अंसारी को भरनो अस्पताल पहुंचा.
जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. इधर जंगल के अंदर छुप कर जान बचाने वाले वनरक्षी नवल किशोर को पुलिस ने
जंगल से अंदर से सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. घटना की सूचना पर सीओ संजीव कुमार, इंस्पेक्टर श्यामानन्द मण्डल,
थानेदार कृष्ण कुमार तिवारी सहित काफी संख्या में लोग भरनो अस्पताल पहुंचे.
चार आरोपियों से पूछताछ जारी
गुमला पुलिस ने आरोपी तजाबुला अंसारी, सिद्दीक अंसारी, मुस्लिम अंसारी व नूरजहां खातून को गिरफ्तार किया हे. इनसे
पूछताछ हो रही है. अन्य नामजद आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार अभियान जारी है.
मृतक के परिवार को दी गयी मदद
डीएफओ श्रीकांत ने बताया कि 35 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की प्रक्रिया चल रही है. मृतक के परिवार को तत्काल
50 हजार रुपए का आर्थिक सहयोग किया गया हे. जंगल में काटकर रखे गये पेड़ और लकड़ी को जब्त कर लिया गया है.
वनरक्षी नवल किशोर ने दी घटना की जानकारी
वनरक्षी नवल किशोर ने कहा कि सुबह आठ बजे शमीम ने फोन कर जानकारी दी कि रायकेरा बांधटोली जंगल में पेड़ काटा
जा रहा है. इस सूचना पर वह बाइक से जंगल पहुंचे, जहां महिलाएं लकड़ी जमा कर रही थीं. उन्होंन सभी लकड़ियों को जब्त
कर लिया, तो महिलाएं वहां से भाग गयीं. वह लकड़ी को वन विभाग लाने के लिए ट्रैक्टर खोजने लगे.
तभी बांधटोली गांव के 30 से 35 ग्रामीण पहुंचे और पेड़ बचाने की सजा के रूप में शमीम पर हमला कर दिया. उन्हें भी मारने लगे. इस पर वह वहां से भाग
निकले. शमीम का बेटा भी साथ में भागा. ग्रामीणों ने शमीम को दौड़ाकर पकड़ा और उसकी हत्या कर दी. इसके बाद उन्होंने
भगते हुए पुलिस को सूचना दी. पुलिस पहुंची तो वह बच गये. वनपाल ने कहा कि रायकेरा जंगल के आसपास कहीं पेड़ कटने
पर शमीम द्वारा अक्सर सूचना दी जाती थी. वे काफी एक्टिव थे. ग्रामीणों ने इसलिए उन्हें निशाना बनाया.
रिपोर्ट: रणधीर निधि