Ranchi-पल-पल बदलते राजनीति के बीच मांडर उपचुनाव दिलचस्प होता नजर आने लगा है. जिस निर्दलीय उम्मीदवार देव कुमार धान को मुख्य मुकाबले से बाहर माना जा रहा था, अब उस देव कुमार धान को असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) का समर्थन मिलता दिख रहा है.
इस प्रकार अपने बेबाक बयानों के कारण राष्ट्रीय राजनीति में सुर्खियों में रहने वाले ओवैसी का पदार्पण मांडर उपचुनाव में होता दिख रहा है. अब आने वालों दिनों में मांडर के मतदाताओं को ओवैसी को सुनने का मौका मिल सकता है.
दरअसल मांडर विधान सभा से एआईएमआईएम प्रत्याशी शिशिर लकड़ा ने देव कुमार धान के समर्थन में अपना नाम वापस लेने की घोषणा की है. शिशिर लकड़ा ने साफ किया है कि हैदराबाद से पार्टी आलाकमान ने देव कुमार धान को साथ देने का निर्देश दिया है. पार्टी की जीत के लिए हम कोई भी बलिदान देने को तैयार है. पिछले चुनाव में सिर्फ मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं का मत मिला था, लेकिन इस बार देवकुमार धान के आने से आदिवासी समाज का भी मत मिलना तय है, इस प्रकार एआईएमआईएम की जीत पक्की है.
निर्दलीय उम्मीदवार धान मांडर उपचुनाव के लिए ओवैसी को करेंगे आमंत्रित
इस बीच भाजपा छोड़ कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे देव कुमार धान ने कहा कि हमारी कोशिश होगी कि असदुद्दीन ओवैसी भी मांडर के मतदाताओं को संबोधित करें. ताकि मतदाता उनके धारदार प्रश्नों को सुन सकें. आज देश में धर्म की राजनीति जोर पकड़ रही है. समाज को धर्म के नाम पर बांटा जा रहा है, इसके कारण भाजपा में घुटन हो रही थी. वैसे भी भाजपा ने हमें मधुमक्खी की तरह फेंका है. ओवैसी हमेशा संविधान की बात करते हैं. दलित, पिछड़ा और आदिवासी समाज की बात करते हैं. वंचितों के अधिकारों की रक्षा के लिए संविधान की बात करते हैं. दलित पिछड़ों और आदिवासी समाज को समता समानता और सम्मानपूर्ण जीवन संविधान से ही मिलेगा.
बता दें कि विधानसभा चुनाव में शिशिर लकड़ा को मांडर विधान सभा से 24 हजार मत और तीसरा स्थान मिला था. माना जा रहा है कि असदुद्दीन ओवैसी का मांडर उपचुनाव में प्रवेश से ही एक नयी राजनीति जन्म ले सकती है, क्योंकि यह ओवैसी का इतिहास रहा है कि वह जहां-जहां भी गये हैं एक भाजपा के पक्ष में धुर्वीकरण तेज हुआ है और कई बार इसका लाभ भाजपा को मिला है.