कटिहार : स्वास्थ्य विभाग में सफाई व्यवस्था से जुड़ी टेंडर में घोटाला हुआ है।
Highlights
इस घोटाले में कई अधिकारी शामिल हैं।
सफाई व्यवस्था से जुड़े टेंडर के माध्यम से करोड़ों का काला खेल खेला गया है।
अधिकारियों की टोली के द्वारा खेले गए इस काले खेल में पूरी कमेटी के लोग शामिल हैं।
लेकिन इस काले खेल में कोई भी जनप्रतिनिधि कुछ नहीं बोल रहे हैं।
ये है पूरा मामला
कटिहार स्वास्थ्य विभाग में साल 2012 से 9 अक्टूबर साल 2020 तक 13.50 प्रति वर्ग मीटर की दर में सफाई का
टेंडर दिया गया था। लेकिन अचानक 10 अक्टूबर साल 2020 से लेकर 9 जून 2021 तक उसी टेंडर को 63.63
के दर से कर दिया गया। अब फिर उसी सफाई टेंडर को 10 जून से पुराने रेट की दर से 13.50 कर दिया गया है।
ऐसे में सवाल उठता है लगभग 8 महीने के इस टेंडर में सरकार के प्रति महीना करोड़ों का एक्सेस मनी का जो
खर्च हुआ है उसके लिए जिम्मेदार कौन है?
राजद ने की जांच की मांग
इसी मामले पर विपक्ष ने तत्कालीन स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम मनीष कुमार, तत्कालीन डीएम कंवल तनुज
और वर्तमान सिविल सर्जन वीएन पांडे की भूमिका पर सवाल उठाते हुए जांच की मांग की। राजद के युवा
प्रदेश महासचिव ने कहा कि यह एक गंभीर मामला है। एक बड़ा घोटाला हुआ है। इस पर वर्तमान सरकार
के प्रतिनिधि चुप क्यों है यह भी बड़ा सवाल है।
जांच होनी चाहिए : डीएम
वहीं वर्तमान जिला अधिकारी उदयन मिश्रा ने वर्तमान समय में एक बार फिर 13.50 रुपए की दर से सफाई
टेंडर होने से राजस्व की बड़ी बचत की बात कहते हुए पुराने मामले पर कुछ भी बोलने से बचते रहे।
निश्चित तौर पर उस 8 महीने में जिस तरह से सरकारी रुपए का दुरुपयोग कर किस-किस के जेब भरी गई है,
उसकी तो जांच होनी ही चाहिए।
रिपोर्ट : श्याम
BJP का हेमंत पर बड़ा आरोप, CM के विभाग में 100 करोड़ का घोटाला