Aurangabad- अक्सर कई बार राहगीर जानकारी के अभाव में राह भटक जाते हैं, लेकिन कोई सड़क रास्ता भटक जाएं और अपने गंतव्य के बजाय किसी और गांव तक पहुंच जाए तो इसका जिम्मेवार किसको बनाया जाय. किसकी जिम्मेवारी तय की जाय. बेहिचक आपका जवाब होगा सड़क का निर्माण करने वाले विभाग की. यही गलती प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत सड़क निर्माण में की गयी है और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत ग्रामीण कार्य विभाग ने इस सड़क का निर्माण करवाया है.
लेबुरा से 50 किलोमीटर दूर बनी लेबुरा की सड़क
सरकारी रिकार्ड के अनुसार इस सड़क का निर्माण लेबुरा गांव जाने के लिए किया गया था, लेकिन विभाग को शाबासी देनी होगी कि यह सड़क लेबुरा नहीं जाकर लेबुरा से 50 किलोमीटर दूर नेउरा पहुंच गयी. हद तो यह है कि जिस लेबुरा के नाम पर सड़क का निर्माण किया गया उस नाम को कोई गांव घेउरा पंचायत में है ही नहीं. बल्कि इस पंचायत से 10 किलोमीटर दूर महाराजगंज पंचायत में है. इस सड़क की शुरुआत राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 139 पर सिमरा के पास से हुई है. इस स्थान पर लगे सड़क के बोर्ड से यह ज्ञात होता है कि यह सड़क सिमरा- लेबुरा पथ है जो यहाँ से शुरू होकर लेबुरा को जाती है.
लगा है सिमरा- लेबुरा पथ का बोर्ड, लेकिन नेउरा जाती है यह सड़क
अनजान राहगीर जब इस सड़क से लेबुरा जाने के लिए यात्रा शुरू करते है तो वे सड़क के अंतिम छोर यानि लेबुरा के बदले नेउरा पहुँच जाते है, तब जाकर उन्हें यह एहसास होता है कि उन्होंने तो गलत राह पकड़ लिया. हालांकि यहाँ गलती सीधे तौर पर सड़क बनानेवाले विभाग की है.अब यदि विभाग कम से कम सिमरा– नेउरा पथ ही लिख देता तो कम से कम अजनबियों को राह नहीं भटकना पड़ता, लेकिन विभाग ने अपनी गलती को छुपाने के लिए सड़क का नाम सिमरा- लेबुरा पथ ही रहने दिया.
दुल्हों पर आयी शामत, बारात के साथ पहुंच जाते है नेउरा गांव
रास्ता भटकने की हालत यह है कि कई बार शादी विवाह के मौसम में कई बार दूल्हे ही लेबुरा भी राह भटक कर नेउरा पहुंच जाते है. जब लेबुरा के बदले दुल्हा नेउरा पहुंचता तब उनकी हालत देखने लाइक होती है. लेकिन विभाग इस सबसे बेखबर अपनी ही दुनिया में मस्त है.
एक प्रभावशाली नेता के दवाब में बदला गया मार्ग
खबर यह है कि संबधित संवेदक ने किसी प्रभावशाली नेता के दवाब में सड़क को सिमरा से लेबुरा के बदले नेउरा तक बना डाला. लेकिन सड़क का नाम सिमरा- लेबुरा पथ ही रहने दिया ताकि सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज इस नाम के साथ उस भुगतान तो हो गया, लेकिन इस चक्कर में सड़क अपना राह भटक गयी,
सड़क अगवा होने की यह पहली घटना नहीं
इसी इलाके में सड़क अगवा करने की एक और घटना हुई थी. लभरी खुर्द नाम से बनी पर सड़क लभरी पहुंचने के बजाय लभरी गांव पहुंच गई थी. जबकि लभरी में पहले से सड़क बनी हुई थी. आज तक लभरी खुर्द को आज तक सड़क नसीब नहीं हुई. विभाग ने जांच कर कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन आज तक जांच नहीं हुई.