झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को मिली जमानत

कोलकाता : 50 लाख कैश कांड मामले में गिरफ्तार हुए झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार को

कोलकाता के निचली अदालत से जमानत मिल गई है.

जानकारी के मुताबिक, कोलकाता बैंक शाल स्ट्रीट स्थित फोर्थ स्पेशल कोर्ट ने

अधिवक्ता राजीव कुमार की जमानत याचिका मंजूर कर ली है.

कोर्ट से बेल मिलने के बाद राजीव कुमार अब जेल से बाहर आ सकते हैं.

राजीव कुमार को कोलकाता पुलिस ने किया था गिरफ्तार

बता दें कि 31 जुलाई को अधिवक्ता राजीव कुमार को 50 लाख रुपए के साथ कोलकाता पुलिस ने

एक होटल से गिरफ्तार किया था. अमित अग्रवाल नामक व्यवसायी ने आरोप लगाया था कि उनके खिलाफ झारखंड उच्च न्यायालय में दाखिल एक जनहित याचिका में राहत पहुंचाने के नाम पर अधिवक्ता ने पहले 10 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन बाद में एक करोड़ रुपये देने की बात तय हुई. पहली किस्त में 50 लाख रुपये लेने के लिए ही राजीव कुमार महानगर कोलकाता आये थे. हेयर स्ट्रीट थाने में इसकी शिकायत के बाद अधिवक्ता राजीव कुमार को गिरफ्तार कर लिया गया था.

अधिवक्ता राजीव कुमार से ईडी ने भी की थी पूछताछ

इससे पहले अधिवक्ता राजीव कुमार को मनी लाउंड्रिंग से जुड़े मामले पर ईडी ने आठ दिनों की रिमांड ली थी. उन आठ दिनों में ईडी ने मनी लाउंड्रिंग से संबंधित मामलों पर पूछताछ भी की थी. वहीं व्यवसायी अमित अग्रवाल को भी ईडी ने शिकंजा कस दिया था. अवैध खनन, मनरेगा घोटाले में मनी लांड्रिंग के तहत अनुसंधान कर रही ईडी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के पूर्व कोषाध्यक्ष रवि केजरीवाल से भी पूछताछ की थी. रवि केजरीवाल ने भी अमित अग्रवाल के बारे में ईडी को बहुत जानकारियां दी थी.

अधिवक्ता राजीव कुमार: इन धारा के तहत दर्ज हुआ था मामला

झारखंड हाईकोर्ट के अधिवक्ता राजीव कुमार एवं उनके मुवक्किल पर ईडी ने मनी लाउंड्रिंग के साथ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम की धारा 7ए (अपने व्यक्तिगत प्रभाव का प्रयोग करके किसी अन्य व्यक्ति से अपने लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए कोई अनुचित लाभ स्वीकार करना) भादवि की धारा 120बी (आपराधिक साजिश) एवं 384 (जबरदस्ती वसूली) केस दर्ज किया था. गौरतलब है कि ईडी अधिकांश केस प्रिवेंशन ऑफ मनी लाउंड्रिंग एक्ट के तहत ही दर्ज करता है. लेकिन राजीव कुमार के मामले में ऐसा नहीं है. उनपर मनी लाउंड्रिंग के साथ, पीसी एक्ट एवं आईपीसी एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है.

रिपोर्ट: प्रोजेश दास

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