महापर्व छठ: नहाय-खाय के दिन बन रहे कई शुभ योग, जानिए क्या है समय

रांची : लोक आस्था के चार दिवसीय महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ आज से शुरू हो गया है.

आज के दिन व्रती नदी में स्नान करते हैं और इसके बाद छठ व्रती प्रसाद बनाना शुरू करते हैं.

इस दिन सिर्फ एक ही बार खाना खाया जाता है. नहाय खाय के दिन बने प्रसाद में

लहसुन-प्याज का इस्तेमाल नहीं होता है. इसके अलावा बैंगन को भी प्रसाद में शामिल नहीं किया जाता है.

प्रसाद बनाने के बाद छठ व्रती पहले भगवान सूर्य की आराधना करते हैं

उसके बाद नहाय खाय का प्रसाद ग्रहण करते हैं.छठ व्रती के प्रसाद ग्रहण के बाद ही

परिवार के अन्य सदस्य प्रसाद को ग्रहण करते हैं.

नहाय-खाय पर सूर्योदय-सूर्यास्त का समय

  • सूर्योदय का समय- 06 बजकर 37 मिनट
  • सूर्यास्त का समय- 06 बजकर 07 मिनट

बन रहे कई शुभ योग

  • अभीजीत मुहूर्त- सुबह 11 बजकर 59 मिनट से शाम 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा
  • अमृत काल- सुबह 12 बजकर 53 मिनट से , अक्टूबर 29 से सुबह 02 बजकर 23 मिनट, अक्टूबर 29
  • सर्वार्थ सिद्धि योग- सुबह 06 बजकर 37 मिनट से सुबह 10 बजकर 42 मिनट तक
  • रवि योग- सुबह 10 बजकर 42 मिनट से सुबह 06 बजकर 37मिनट तक, अक्टूबर 29

नहाय-खाय का महत्व

छठ पूजा में भगवान सूर्य की पूजा का विशेष महत्व है.

चार दिनों के महापर्व छठ की शुरुआत नहाय-खाय से होती है.

इस दिन व्रती स्नान करके नए कपड़े धारण करती हैं और पूजा के बाद चना दाल, कद्दू की सब्जी और चावल को प्रसाद के तौर पर ग्रहण करती हैं. व्रती के भोजन करने के बाद परिवार के बाकी सदस्य भोजन करते हैं. नहाय-खाय के दिन भोजन करने के बाद व्रती अगले दिन शाम को खरना पूजा करती हैं. इस पूजा में महिलाएं शाम के समय लकड़ी के चूल्हे पर गुड़ की खीर बनाकर उसे प्रसाद के तौर पर खाती हैं और इसी के साथ व्रती महिलाओं का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो जाता है. मान्यता है कि खरना पूजा के बाद ही घर में देवी षष्ठी (छठी मईया) का आगमन हो जाता है.

छठ पूजा का पहला अर्घ्य

छठ पूजा का तीसरा दिन काफी खास माना जाता है. इस दिन डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन अर्घ्य के सूप को फल, ठेकुआ और चावल के लड्डू से सजाया जाता है. इसके बाद डूबते हुए सूर्य की पूजा की जाती है और अर्घ्य दिया जाता है. छठ पूजा का पहला अर्घ्य इस साल 30 अक्टूबर 2022 को दिया जाएगा. इस दिन सूर्यास्त की शुरूआत 05 बजकर 34 मिनट से होगी.

उषा अर्घ्य, छठ पूजा का चौथा दिन

छठ पूजा के चौथे दिन व्रती द्वारा उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. 31 अक्टूबर के दिन उगते हुए सूरज की अर्घ्य दिया जाएगा. फिर पारण करने के बाद छठ पर्व का समापन होगा. इस दिन सूर्योदय 6 बजकर 27 मिनट पर होगा.

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