Friday, October 24, 2025
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Chhath Special Trains 2025: Ranchi होकर चलेंगी दो नई छठ स्पेशल ट्रेनें, चार ट्रेनों में Extra Coach जोड़ा गया

छठ 2025 पर रेलवे का तोहफा, रांची होकर दो नई स्पेशल ट्रेनें चलेंगी। गोंदिया–पटना और दुर्ग–पटना ट्रेनें एक ट्रिप में चलेंगी, चार ट्रेनों में अतिरिक्त कोच।Chhath Special Trains 2025 रांची: छठ पर्व पर यात्रियों की बढ़ती भीड़ को देखते हुए भारतीय रेलवे ने दो नई छठ स्पेशल ट्रेनों की घोषणा की है। दोनों ट्रेनें रांची होकर पटना जाएंगी और केवल एक-एक फेरा लगाएँगी। इसके साथ ही चार नियमित ट्रेनों में अतिरिक्त कोच भी जोड़े गए हैं ताकि बिहार जाने वाले यात्रियों को राहत मिल सके। रेलवे ने बताया कि गोंदिया–पटना और दुर्ग–पटना छठ फेस्टिवल स्पेशल ट्रेनें 25 अक्टूबर को चलेंगी।...

Voter List Revision 2025: नवंबर से देशभर में मतदाता सूची का पुनरीक्षण, Jharkhand Nagar Nikay Election पर असर

नवंबर से देशभर में मतदाता सूची का पुनरीक्षण शुरू होगा। झारखंड एसआईआर के लिए तैयार, लेकिन इससे नगर निकाय चुनाव टलने की संभावना बढ़ी।Voter List Revision 2025: नवंबर से देशभर में मतदाता सूची का पुनरीक्षण, झारखंड में नगर निकाय चुनाव टल सकते हैं रांची:  आयोग ने नवंबर 2025 से देशभर में मतदाता सूचियों के विशेष पुनरीक्षण (SIR) की पूरी तैयारी कर ली है। आयोग का उद्देश्य है कि मार्च 2026 तक सभी राज्यों में शुद्ध मतदाता सूची तैयार कर ली जाए। इसके तहत झारखंड में भी पुनरीक्षण की प्रक्रिया जल्द शुरू होगी। बैठक में झारखंड के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार...

Ranchi Chhath Ghat Alert: छठ पूजा से पहले रांची के 26 घाट खतरनाक घोषित, उतरते ही 7 फीट पानी

रांची में छठ से पहले खतरे की घंटी, 26 घाटों को हाई रिस्क घोषित किया गया। उतरते ही 7 फीट पानी, नगर निगम ने एनडीआरएफ तैनाती की मांग की।Ranchi Chhath Ghat Alert रांची: रांची में इस बार मानसून ने रिकॉर्ड तोड़ बारिश की है। सामान्य से 51% अधिक वर्षा के कारण शहर के कई तालाबों में जलस्तर काफी बढ़ गया है। इसका सीधा असर छठ घाटों की सुरक्षा पर पड़ा है। नगर निगम द्वारा कराए गए सर्वे में 74 घाटों में से 26 को हाई रिस्क जोन घोषित किया गया है। इन घाटों में सीढ़ियों से उतरते ही 7...

देवउठनी एकादशी आज: भूल से भी ना तोड़े तुलसी पत्ता, जानिये कारण

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रांची : कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी मनाई जाती है.

इसे देवोत्थान एकादशी, हरि प्रबोधनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है.

इस साल देवउठनी एकादशी आज 4 नवंबर 2022 को है. इस दिन भगवान विष्णु 4 महीने की

योग निद्रा से जागते हैं. देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की विशेष पूजा की जाती है

और उन्हें शंख, घंटी आदि बजाकर जगाया जाता है. देवउठनी एकादशी के अगले दिन

तुलसी विवाह किया जाता है और इसके बाद से ही सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं.

हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना गया तुलसी

एकादशी के दिन तुलसी का काफी खास महत्व होता है. माना जाता है कि

तुलसी भगवान विष्णु को बेहद प्रिय है और तुलसी के बिना भगवान विष्णु की पूजा अधूरी मानी जाती है.

तुलसी को हिंदू धर्म में बेहद पवित्र माना गया है. भारत में तुलसी का

पौधा हर घर में पाया जाता है. ऐसा माना जाता है कि तुलसी में माता लक्ष्मी का वास होता है. जिस घर में भी तुलसी का पौधा लगा होता है उस घर पर माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है. तुलसी का धार्मिक महत्व होने के साथ ही यह हमारी सेहत के लिए भी काफी फायदेमंद साबित होती है. आयुर्वेद में तुलसी के कई फायदों के बारे में बताया गया है. वहीं, वास्तु शास्त्र में भी तुलसी का खास महत्व होता है.

पूजा की प्रथा पौराणिक

वास्तु शास्त्र के मुताबिक, हर घर में तुलसी के पौधे को रोजाना पानी दिया जाता है और उसकी पूजा की जाती है. यह प्रथा पौराणिक समय से ही चलती आ रही है. हालांकि, कुछ दिन ऐसे भी होते हैं जिसमें तुलसी के पौधे को पानी देना वर्जित माना जाता है. माना जाता है कि तुलसी के पौधे को रविवार और एकादशी के दिन जल अर्पित नहीं करना चाहिए. अगर आप रविवार और एकादशी के दिन तुलसी में जल अर्पित करते हैं तो इससे वह बर्बाद हो सकती है.

एकादशी के दिन तुलसी को क्यों जल अर्पित नहीं करना चाहिए?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, ऐसा कहा जाता है कि देवी तुलसी का विवाह एकादशी के दिन विष्णु के एक रूप शालिग्राम से हुआ था. दरअसल, देव उठानी एकादशी के दिन सभी रीति-रिवाजों के साथ दोनों की शादी हुई थी. यह भी माना जाता है कि देवी तुलसी एकादशी का व्रत रखती हैं और यदि आप इस दिन जल चढ़ाएं तो उनका व्रत टूट जाएगा. इससे गुस्से में पौधा भी सूखने लगता है. एकादशी के दिन भी तुलसी के पत्तों को तोड़ने से बचें.

एकादशी के दिन क्यों नहीं तोड़ने चाहिए तुलसी के पत्ते

तुलसी के पत्तों को एकादशी के दिन तोड़ना अशुभ माना जाता है. ऐसा करने से भगवान विष्णु और तुलसी मैय्या नाराज होती हैं. साथ ही एकादशी के दिन तुलसी के पत्ते तोड़ने से घर में नकारात्मकता आती है और गृह कलेश बढ़ने लगते हैं. इसके अलावा रविवार और मंगलवार के दिन भी तुलसी के पत्ते तोड़ने से बचना चाहिए. तुलसी के पत्तों को शाम और रात के समय भी तोड़ने से बचें. तुलसी के पत्तों को सुबह के समय तोड़ना शुभ माना जाता है.

कैसे तोड़ें तुलसी के पत्ते

तुलसी के पत्तों को नाखून सें नहीं तोड़ना चाहिए. इसे तोड़ते समय अंगूठे और तर्जनी उंगली का इस्तेमाल करना चाहिए.
तुलसी के पौधे को कभी भी स्नान किए बिना नहीं छूना चाहिए. इससे भगवान विष्णु आपसे नाराज हो सकते हैं.

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