PATNA: बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने
बिहार निर्वाचन आयोग पर सीएम नीतीश कुमार के
इशारे पर काम करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा है
कि बिहार निर्वाचन आयोग ने अपनी गरिमा को
समाप्त कर सरकारी बाबुओं का दफ्तर बना लिया है.
उन्होंने निर्वाचन आयोग पर विपक्षी दलों के विधायकों को
किसी भी कार्यक्रम को करने से रोकने का भी आरोप लगाया है.
कहा कि निर्वाचन आयोग और जिलाधिकारी पुराने सड़क
के उद्घाटन के लिए भी चुनाव आचार संहिता का हवाला देते हैं. उन्होंने कहा कि जिलाधिकारी हमें नियम समझाते हैं कि बिहार के शहरों में आदर्श आचार संहिता लागू है और इसलिए कोई कार्य आप नहीं कर सकते हैं. इतना ही नहीं अगर 18 वर्ष से कम के बच्चों का भी कोई कार्यक्रम एक सांसद के रूप में मैं करना चाहता हूं तो आदर्श आचार संहिता की दुहाई देकर हमें रोका जाता है.
नीतीश को मिलती है हर कार्यक्रम की अनुमति
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, सभी विभागों के सचिव खुलेआम पटना शहर में पुरानी नौकरियों को नया बताकर बांटते हैं. गयाजी में नल- जल योजना का सार्वजनिक उद्घाटन एवं सभा करते है. पर इसका संज्ञान लेने की सुध निर्वाचन आयोग को नहीं है.
निर्वाचन आयोग सीएम पर क्यों नहीं करता एफआईआर
संजय जायसवाल ने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग को यह बताना चाहिए कि जब सांसद और विधायक कोई भी कार्यक्रम, आदर्श आचार संहिता के तहत शहर में नहीं कर सकते हैं तो किस नियम के तहत मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री एवं विभिन्न विभागों के सचिव सार्वजनिक सभा कर पटना में नौकरियां बांट रहे हैं एवं बोधगया में नदी जल योजना का उद्घाटन कर रहे हैं. क्या यह नगर में लगे आदर्श आचार संहिता में नहीं आता है.
अगर यह आता है तो अभी तक मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री के ऊपर एफआईआर निर्वाचन आयोग ने क्यों नहीं किया है? और अगर यह नहीं आता है तो किस नियम से सांसद और विधायकों को नगर में किसी भी कार्य पर आदर्श आचार संहिता की बात की जा रही है?
रिपोर्ट: राजीव