रांची: सिरमटोली क्षेत्र में फ्लाईओवर रैंप निर्माण को लेकर जारी विवाद अब निर्णायक मोड़ की ओर बढ़ता नजर आ रहा है। गुरुवार देर रात जैसे ही निर्माण कार्य दोबारा शुरू हुआ, आदिवासी संगठनों ने इसका तीव्र विरोध किया, जिसके चलते मौके पर भारी हंगामा हुआ। हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि पुलिस और आदिवासी समाज के बीच टकराव की स्थिति बन गई। कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया, हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया।
शुक्रवार सुबह सिरमटोली चौक पर भारी पुलिस बल की तैनाती देखी गई। वाटर कैनन, दंगा निरोधक वज्र वाहन और सैकड़ों की संख्या में जवानों को मौके पर तैनात किया गया है। प्रशासन ने हर संभावित स्थिति से निपटने के लिए सुरक्षा इंतजाम पूरी तरह से मुस्तैद कर दिए हैं। वहीं, निर्माण एजेंसी ने काम की गति को और तेज कर दिया है और अधिक संख्या में मजदूर व मशीनें तैनात कर दी गई हैं ताकि कार्य को जल्द से जल्द अंतिम रूप दिया जा सके।
दूसरी ओर, आदिवासी संगठनों ने आज सुबह 11 बजे सिरमटोली में बैठक बुलाई है जिसमें आगे की रणनीति पर निर्णय लिया जाएगा। आदिवासी समाज का स्पष्ट कहना है कि वे रैंप का निर्माण सरना स्थल के समीप किसी भी सूरत में नहीं होने देंगे और इसके लिए किसी भी स्तर की लड़ाई को तैयार हैं। उनका यह भी कहना है कि पिछले तीन महीने से वे शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने उनकी मांगों की अनदेखी की है।
हालांकि प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो सरकार लगातार वार्ता की कोशिश कर रही है और समाधान निकालने की दिशा में अंदरूनी प्रयास चल रहे हैं। आंदोलनकारी चाहते हैं कि रैंप का अंत बिंदु सरना स्थल से थोड़ा आगे स्थानांतरित किया जाए ताकि धार्मिक भावनाएं आहत न हों।
आज की बैठक में क्या निष्कर्ष निकलता है, इस पर पूरे शहर की निगाहें टिकी हुई हैं। आने वाले एक-दो घंटे में आदिवासी समाज की रणनीति और प्रशासन की अगली कार्रवाई की दिशा स्पष्ट हो सकती है।