Desk. सुप्रीम कोर्ट ने भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड और वोटर आईडी होने के बावजूद निर्वासन का सामना कर रहे एक परिवार को अंतरिम राहत दी है। सुप्रीम कोर्ट ने पहलगाम आतंकी हमले के बाद छह कथित पाकिस्तानी नागरिकों को वापस पाकिस्तान भेजने के कदम पर रोक लगा दी है और याचिकाकर्ताओं को उचित अधिकारियों के समक्ष अपना मामला पेश करने का निर्देश दिया।
सुप्रीम कोर्ट से एक परिवार को मिली अंतरिम राहत
जानकारी के अनुसार, याचिकाकर्ता अहमद तारिक बट, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में जन्मे बेंगलुरु के निवासी हैं, उन्होंने दलील दी कि उनके परिवार को भारतीय नागरिक होने के बावजूद जबरन अटारी वाघा सीमा पर ले जाया जा रहा है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उन्हें सीमा पर हिरासत में लिया गया, जबकि उनके पास विदेश मंत्रालय द्वारा जारी पासपोर्ट सहित वैध भारतीय दस्तावेज थे।
तारिक बट के पिता पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मीरपुर से हैं, जबकि उनकी मां श्रीनगर में पैदा हुई थीं। याचिका के अनुसार, तारिक बट 1997 तक पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर के मीरपुर में रहते थे, उसके बाद सीमा पार करके श्रीनगर चले गए। वह कई सालों तक कश्मीर घाटी में रहे और वर्तमान में बेंगलुरु में रहते हैं। तारिक ने बाद में IIM कोझिकोड से मैनेजमेंट की डिग्री हासिल की और वर्तमान में बेंगलुरु में एक आईटी फर्म में काम करते हैं।
परिवार के पास भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड
बट ने अपनी अर्जी में कहा कि उसके और उसके परिवार के पास भारतीय पासपोर्ट और आधार कार्ड हैं। उसके परिवार में उसकी बहन आयशा तारिक और भाई अबूबकर तारिक और उमर तारिक बट शामिल हैं। याचिका के अनुसार, परिवार मीरपुर में रहता था, लेकिन पासपोर्ट में उसका जन्म स्थान श्रीनगर दर्ज है।
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जारी हुआ था आदेश
यह याचिका केंद्र सरकार के उस हालिया निर्देश के बाद दायर की गई थी, जो पहलगाम आतंकी हमले के बाद जारी किया गया था। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें अल्पकालिक वीजा पर आए सभी पाकिस्तानी नागरिकों से भारत छोड़ने या कार्रवाई के लिए तैयार रहने को कहा गया था।
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