एक गांव ऐसा, जहां लालटेन की रौशनी में रात 10 बजे तक हुई वोटिंग

औरंगाबागदः पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में जिले के सदर प्रखंड में बेला पंचायत के जरमाखाप स्थित बूथ ने इतिहास रच दिया है. यह देश के लोकतांत्रिक इतिहास में शायद ऐसा पहली बार हुआ होगा, जब मतदान की निर्धारित अवधि शाम के पांच बजे के बाद भी मतदान चलता रहा. एस गांव में लालटेन की रौशनी में रात के करीब 10 बजे तक वोटिंग हुई.

ईवीएम में आयी थी तकनीकी खराबी

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जरमाखाप गांव के राजकीय मध्य विद्यालय मतदान केंद्र पर वोटिंग आरंभ होने के कुछ समय बाद ईवीएम मशीन में खराबी आने से मतदान घंटों विलम्ब से शुरू हुआ. इस दौरान वोटर विलम्ब होने से अपने घरों को लौट गए. दोपहर बाद काफी देर तक बूथ पर सन्नाटा पसरा रहा. फिर अचानक बूथ पर वोटरो का सैलाब सा उमड़ पड़ा. मतदान के समाप्त होने की निर्धारित अवधि शाम के पांच बजने के पहले बूथ पर मतदाताओं की बहुत लम्बी कतार लग गई.

लोकतांत्रिक व्यवस्था का मिला लाभ

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पंचायत चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों ने ही वोटरों के घर घर जाकर खुद के लिए वोट पाने की गरज में उन्हे घरों से निकाल कर पांच बजे तक बूथ पर लाइन में लगवा दिया. यही पर चुनाव आयोग की तकनीकी गाइडलाइन ने भी वोटरों का साथ दिया. देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था में किसी भी तरह के चुनाव के मामले में यह प्रावधान है कि मतदान समाप्त होने की अवधि के चंद मिनट पहले तक भी यदि कोई वोटर वोट देने के लिए कतार में लग जाता है, तो ऐसी स्थिति में अवधि के बाद भी वोटर को मत देने का तबतक मौका दिया जाएगा जबतक कि लाइन में लगा एक एक वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल न कर ले.

डीसी के आदेश पर देर रात तक हुआ मतदान

बूथ पर भीड़ ने शोर मचाना शुरू किया तब जिलाधिकारी के आदेश पर शोर शराबा कर रहे वोटरों को वोट कराने का आदेश दिया गया. तब जाकर लालटेन की रौशनी में पुनः वोटिंग शुरू हुई और रात के करीब 10 बजे तक मतदान संपन्न हुआ.

रिपोर्ट- दिनानाथ

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