निर्वाचन आयोग की सूचना पर एक्शन में आयकर विभाग, वर्ष 2000 और 2025 में उम्मीदवारों द्वारा दायर हलफनामे का कर रही जांच
22 Scope News Desk : बिहार विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया है और अब सबकी नजर कल के परिणाम पर टिकी है। इसी बीच चुनाव आयोग के बाद भारतीय आयकर विभाग भी एक्टिव हो गया है। चुनाव आयोग से उम्मीदवारों के द्वारा वर्ष 2000 और 2025 में दायर हलफनामे की मांग की जिसे आयोग द्वारा उपलब्ध करा दिया गया है।
विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण से लेकर चुनाव लड़ने में करोड़ों के लेन देन की खबर मिली थी इसलिय जांच का दायरा चुनाव जीतने वाले और उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वियों तक ही रहेगा। विभाग की जांच के दायरे में सिर्फ विनर और रनर हैं, जरूरत पड़ने पर इस दायरे को बढ़ाया जा सकता है।
चुनाव लड़ने वाले सभी प्रत्याशियों को अपने आय,व्यय,निवेश और कर्ज का ब्यौरा देने होता है। दरअसल कई प्रत्याशियों के आय में पाँच साल में दस गुणा वृद्धि दिखाई गई है। विभाग प्रत्याशियों के वर्ष 2000 और 2025 में आय के अंतर के आधार पर टैक्स वसूली के साथ ही आय के स्रोत को भी खंगालने का काम करेगी।
आयकर विभाग के रडार पर कौन
विजेता और उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वियों की संपत्ति की जांच की जाएगी। इसके अलावा आयकर विभाग अन्य प्रत्याशियों की भी जांच कर सकता है अगर उनके रिटर्न में अनियमितता पाई जाती है। मतलब आयकर विभाग के दायरे में सभी प्रत्याशी हैं।
क्या जांच करेगा आयकर
2020 और 2025 के हलफनामों की तुलना कर पांच साल में संपत्ति वृद्धि का आकलन किया जाएगा। यदि आय के अनुपात में रिटर्न नहीं भरे गए, तो जांच होगी। प्रत्याशियों और उनके जीवनसाथी की संपत्तियों की भी समीक्षा की जाएगी। अनियमितता मिलने पर नोटिस भेजकर जवाब मांगा जाएगा। असंतोषजनक जवाब मिलने पर कार्रवाई शुरू होगी।
प्रत्याशियों के पैन और रिटर्न का होगा मिलान
चोरी पकड़ने के लिए निर्वाचन आयोग प्रत्याशियों के हलफनामे आयकर विभाग को भेजता है। इससे सरकार को राजस्व की प्राप्ति होती है और टैक्स चोरी करने वालों पर कार्रवाई होती है। प्रत्याशियों के पैन और रिटर्न से संपत्ति का आकलन किया जाता है।
परिणाम के बाद जांच में अनियमितता मिलने पर होगी कार्रवाई
हर चुनाव में होती है जांच । पिछले वर्ष भी मुजफ्फरपुर के एक निगम पार्षद के ठिकानों पर लगातार चार दिनों तक छापेमारी हुई थी। इस बार भी चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद आयकर विभाग रनर व विनर प्रत्याशियों की जांच शुरू कर देगी। जांच में अनियमितता व टैक्स चोरी का मामला मिला तो प्रत्याशी को नोटिस जाएगा।
टैक्स चोरी के मामलों में विभाग टैक्स और जुर्माना वसूलेगा
चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराये गये कागजात के आधार पर आयकर विभाग की अन्वेषण शाखा जांच करेगी। प्रधान आयकर आयुक्त कार्यालय के स्तर पर कार्रवाई होगी। सहायक निदेशक (अन्वेषण) के नेतृत्व में टीम गठित की जाएगी। भ्रष्टाचार या अवैध संपत्ति के मामलों को आयकर विभाग सीबीआई या ईडी को भेज सकता है। यह निर्णय बोर्ड स्तर पर लिया जाता है। स्थानीय अधिकारी टैक्स चोरी के मामलों में टैक्स और जुर्माना वसूल करेंगे।
प्रत्याशियों को आय,व्यय,निवेश और कर्ज का ब्यौरा देना होता है
चुनाव में धनबल पर रोक और टैक्स चोरी पकड़ने के लिए प्रत्याशियों को अपनी संपत्ति, कर्ज और निवेश का ब्यौरा शपथ पत्र में देना होता है। इसी के तहत चुनाव आयोग द्वारा सभी जरूरी सूचना साझा की जाती है। इसके बाद हलफनामों की जांच और आगे की कार्रवाई आयकर विभाग करेगा।
ये भी पढ़े : Sasaram News: वज्र गृह में ट्रक घुसने से मचा हंगामा, RJD प्रत्याशी का धरना Bihar Election 2025 Update
Highlights




































