बेंगलुरू : अनंत आसमान की ओर भारत का अभियान आदित्य एल-1 चल पड़ा। श्रीहरिकोटा से इसरो की सुबह 11.50 बजे कामयाब लॉन्चिंग हुई। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने अपना पहला सूर्य मिशन ADITYA L-1 लॉन्च करके इतिहास रच दिया है। सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र श्रीहरिकोटा से ADITYA L-1 को लॉन्च कर दिया गया है। मिशन के पेलोड्स को भारत के कई संस्थानों ने मिलकर तैयार किए। आदित्य एल-1 को डीप स्पेस में यूरोपियन स्पेस एजेंसी (EAS) भी ग्राउंड सपोर्ट देगा। बता दें कि इसरो ने 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग की थी।
दरअसल, गहरे अंतरिक्ष में अंतरिक्ष यान की सिग्नल काफी कमजोर हो जाती है, इसके लिए कई एजेंसियों की मदद लेनी होती है। यूरोपियन स्पेस एजेंसी ने इससे पहले चंद्रयान-3 मिशन के दौरान भी इसरो को ग्राउंड सपोर्ट दिया था।
आदित्य एल-1
ईएसए के मुताबिक, एजेंसी ADITYA L-1 को सपोर्ट करेगी। ईएसए आदित्य एल-1 को 35 मीटर डीप स्पेस एंटिना से ग्राउंड सपोर्ट देगा जो यूरोप की कई जगहों पर स्थित है। इसके अलावा ‘कक्षा निर्धारण’ सॉफ़्टवेयर में भी यूरोपियन स्पेस एजेंसी की मदद ली जाएगी। एजेंसी के मुताबिक इस सॉफ़्टवेयर के ज़रिए अंतरिक्ष यान के वास्तविक स्थिति की सटीक जानकारी देने में मदद करता है।
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