रांची: चमरा लिंडा आज अपना नामांकन पत्र लोहरदगा सीट से दाखिल कर सकते है। इसको लेकर उनकी ओर से सभी तैयारी कर ली गई है। इंडिया गठबंधन की ओर से लोहरदगा सीट पर कांग्रेस के सुखदेव भगत उम्मीदवार है।लोहरदगा में 13 मई को चुनाव है।

चमरा लिंडा ने लोहरदगा से खुद चुनाव लड़ने की इच्छा कई बार जाहीर की थी। जेएमएम ने कोशिश भी की कि लोहरदगा सीट उसके कोटे में आये लेकिन ऐसा नहीं हुआ, इसके बाद से ही चमरा लिंडा बगावत पर उतर आये है।
दूसरी तरफ राजमहल लोकसभा सीट पर भी हंगामा हो रहा है लोबिन हेंब्रम बगावत पर उतर आये है। वह पूर्व में कह चुके है कि यदि पार्टी की ओर से विजय हांसदा को टिकट दिया जाता है तो वह भी राजमहल से चुनाव में उतरेंगे।
राजमहल सीट पर आखिरी चरण में मतदान है। जेएमएम की परेशानी चमरा और लोबिन दोनों मिल कर बढ़ा रहें है। चमरा को मनाने के लिए एक मंत्री को लगाया गया था लेकिन इसके बाद भी कोई लाभ नहीं हुआ।
लोबिन हेंब्रम ने मीडिया में यह बयान दिया था की वह चुनाव लड़ने के अपने फैसले पर अब भी कायम है और किसी को भी तीर-धनुष बेचने नहीं देंगे. राजमहल से निर्दलीय ही मैं विजय हांसदा के खिलाफ चुनावी मैदान में उतरूंगा उन्होंने बताया कि झामुमो के किसी नेता ने उनसे संपर्क नहीं किया है, और ना ही किसी से कोई बातचीत हुई है.
उन्होंने कहा कि सात मई को ही नामांकन दाखिल करेंगे. झामुमो के एक नेता ने बताया कि पार्टी की नजर चमरा लिंडा व लोबिन हेंब्रम के कदमों पर है. उनके द्वारा अंतिम रूप से क्या कदम उठाया जाता है. इसके बाद ही पार्टी कुछ निर्णय लेगी. यह निर्णय सख्त भी हो सकता है.
सुप्रियो झामुमो के महासचिव सह प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि हम किसी को चुनाव लड़ने से तो रोक नहीं सकते.पर जब गठबंधन के तहत पार्टी कोई फैसला लेती है, तो वह एक लकीर बन जाती है और इस लकीर को मानना हर कार्यकर्ता के लिए बाध्यकारी होता है. पर फिर भी कुछ लोग लकीर को पार करना चाहता है, तो परिस्थिति पर निर्भर करता है.