डिजिटल डेस्क : महाकुंभ 2025 में रक्षा मंत्री के बाद संगम में 22 को यूपी कैबिनेट लगाएगी डुबकी। महाकुंभ 20225 में देश-विदेश से निरंतर श्रद्धालुओं एवं तीर्थयाित्रयों का संगम स्नान के लिए पधारने का क्रम चालू है। इस बीच बीते शनिवार को देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह संगम क्षेत्र पहुंचकर एक आम सनातनी की भांति धोती पहने और जनेऊ धारण किए हुए त्रिवेणी में पावन स्नान किया।
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साथ ही पूजन-अनुष्ठान भी किया। अब इसके बाद सरकारी तौर पर बताया गया है कि 22 जनवरी को मेजबान यूपी की कैबिनेट CM Yogi आदित्यनाथ की अगुवाई में संगम में डुबकी लगाएगी। साथ ही उसी दिन संगम क्षेत्र में यूपी की महाकुंभ 2025 मेला परिसर में बैठक भी तय कर दी गई है।
महाकुंभ 2025 में योगी कैबिनेट की बैठक वास्ते 22 की तिथि अहम
तय कार्यक्रम के अनुसार, महाकुंभ 2025 में मेजबान Yogi सरकार संगम में डुबकी लगाकर पुण्य कमाएगी और प्रदेश के विकास और जनकल्याण से जुड़े फैसले भी लेगी। 22 जनवरी को CM Yogi आदित्यनाथ सहित सरकार के सभी मंत्री मेला क्षेत्र में मौजूद रहेंगे। कैबिनेट की बैठक भी आयोजित की जाएगी। CM Yogi आदित्यनाथ ने शासन और मेला प्रशासन को पहले ही कैबिनेट की बैठक की तैयारी के निर्देश दिए थे।
तारीख को लेकर मंथन चल रहा था। CM Yogi के विशेष निर्देश थे कि मुख्य स्नान या पर्व के दिन बैठक और VIP विजिट न रखी जाए, ताकि आम श्रद्धालुओं को सहूलियत रहे। कैबिनेट बैठक की तारीख 22 जनवरी तय की गई है।
पिछले साल इसी तारीख को अयोध्या में राम मंदिर का लोकार्पण और रामलला की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा हुई थी। हालांकि, पंचांग के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ 11 जनवरी को मनाई जा चुकी है, लेकिन प्रचलित कैलेंडर के हिसाब से 22 को एक साल पूरा होगा। ऐसे में संगम स्नान के समय सरकार इस ऐतिहासिक तिथि को भी याद करेगी।

महाकुंभ मेंं 22 जनवरी को Yogi कैबिनेट के प्रयागराज और चित्रकूट को लेकरअहम फैसले लेने का संकेत
बताया जा रहा है कि महाकुंभ 2025 में 22 जनवरी को होने वाली CM Yogi की अगुवाई वाली यूपी कैबिनेट की बैठक में प्रयागराज और चित्रकूट से संबंधित एजेंडों पर कैबिनेट के कुछ अहम फैसले लिए जा सकते हैं। इस आहूत बैठक के लिए यूपी के कैबिनेट मंत्री के साथ सभी स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री, राज्यमंत्री और शासन के वरिष्ठ अधिकारी 22 को महाकुंभ में रहेंगे।
शृंगवेरपुर, प्रयाग, चित्रकूट से जुड़े धार्मिक स्थलों के विकास से जुड़े फैसले भी होंगे। बताया जा रहा है कि कैबिनेट बैठक में एक दर्जन से अधिक फैसले होंगे। इसमें प्रयाग से लेकर प्रदेश के विकास से जुड़े प्रस्ताव शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार धर्मार्थ कार्य, पर्यटन और संस्कृति से जुड़े विभागों के प्रस्ताव भी रखे जाएंगे।
योगी सरकार ने प्रयागराज में 2019 में हुए कुंभ में भी 29 जनवरी को बैठक की थी। इस दौरान मेरठ से प्रयागराज तक गंगा एक्सप्रेस-वे के निर्माण के साथ बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे और गोरखपुर लिंक एक्सप्रेस-वे के निर्माण को हरी झंडी दी गई थी।

संगम में डुबकी लगाकर बोले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह – महाकुंभ को पंथ, समुदाय या धर्म से जोड़कर ना देंखें…
इससे पहले महाकुंभ के महासम्मेलन में भाग लेने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शनिवार को प्रयागराज पहुंचे। रक्षा मंत्री अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार दोपहर में लगभग एक बजे बमरौली हवाई अड्डे पहुंचे। वहां से हेलीकाप्टर से डीपीएस मैदान स्थित हेलीपैड पहुंचे। नैनी के अरैल घाट से जेटी के जरिए संगम पहुंचे।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सबसे पहले गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती की पवित्र त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी लगाई। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने महाकुंभ की व्यवस्थाएं भी देखीं। उनके साथ राज्य सभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने भी संगम में स्नान किया। मंत्रोच्चार के बीच उन्होंने गंगा जल का आचमन कर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सनातन की जय, गंगा मैय्या की जय का उद्घोष किया।
संगम से वीआइपी घाट पर उतर कर अक्षयवट कारिडोर में प्रयागराज के छत्र अक्षयवट का दर्शन पूजन किया। इसके बाद उन्होंने पातालपुरी मंदिर और सरस्वती कूप का भी दर्शन किया। फिर संगम तट से अक्षयवट, पातालपुरी और बड़े हनुमानजी का दर्शन किया। मंदिर के पुजारी बलवीर गिरि महाकुंभ के लिए की गई व्यवस्था के बारे में पूछा। मंदिर में दर्शन पूजन कर रक्षा मंत्री मेला का भ्रमण किया।

इस मौके पर मीडिया से मुखातिब होने पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘…गंगे च यमुने चैव गोदावरी सरस्वती । नर्मदे सिन्धु कावेरि जलेऽस्मिन् सन्निधिं कुरु। आज तीर्थराज प्रयागराज में, भारत की शाश्वत आध्यात्मिक विरासत और लोक आस्था के प्रतीक महाकुंभ में स्नान-ध्यान करके स्वयं को कृतार्थ अनुभव कर रहा हूँ।
…मैं इसे अपना सौभाग्य मानता हूं कि प्रयागराज, संगम में स्नान किया। यह भारतीयता का आध्यात्मिक व सांस्कृतिक महापर्व है। किसी पंथ, समुदाय या धर्म के साथ इसे जोड़कर नहीं देखा जाना चाहिए। किसी को यदि भारत और भारतीयता को समझना है तो आकर महाकुंभ को देखे…’।