गीता कोड़ा के बाद क्या अब पूर्णिमा नीरज सिंह भी थामेंगी भाजपा का दामन ?

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झारखंड कांग्रेस में बीते कुछ समय से अस्थिरता का दौर चल रहा है. कभी कांग्रेस विधायक अपने मंत्रियों से ही नाराज होकर दिल्ली पहुंच जाते हैं और कभी पार्टी की एकलौती सांसद भी भाजपा में शामिल हो जाती हैं. अब एक बार फिर से झारखंड में कांग्रेस की मुसीबत बढ़ सकती है.

सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल हो जाने के बाद अब झरिया से कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह की भी भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई है.

बीते 1 मार्च को पीएम मोदी धनबाद दौरे पर पहुंचे थे और इस दौरान पीएम के कार्यक्रम में कांग्रेस विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह की उपस्थिति दर्ज की गई. पूर्णिमा नीरज सिंह की पीएम के कार्यक्रम में उपस्थिति ने पूर्णिमा के भाजपा में शामिल होने की खबरों को हवा दे दी.

हालांकि पूर्णिमा नीरज सिंह ने भाजपा में जानें की खबरों को महज अटकलें बताया है. उन्होंने भाजपा के साथ संपर्क में होने की बातों से भी इंकार किया है. लेकिन मीडिया के सामने पूर्णिमा ने ये भी कह दिया कि अभी कांग्रेस में हूं और भविष्य का कुछ पता नहीं .

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वहीं भाजपा ने झारखंड में 11 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है और अभी भी 3 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा बाकी है जिसमें धनबाद सीट पर भी अभी प्रत्याशी की घोषणा नहीं हुई है.रिपोर्ट्स की मानें तो धनबाद से तीन बार से सांसद रहे पीएन सिंह धनबाद से दावेदारी पेश कर रहे हैं लेकिन इस बार उनके राह पर उनकी उम्र रोड़ा बन सकता है. पीएन सिंह की उम्र 76 साल है और इस बार उन्हें टिकट मिलने में थोड़ी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

ऐसा माना जा रहा है कि अगर धनबाद से पीएन सिंह का टिकट कट जाता है तो धनबाद से भाजपा नए चेहरे को मौका दे सकती है.

हालांकि उस चेहरे में पूर्णिमा नीरज सिंह होंगी या नहीं इसका अभी तक सिर्फ अनुमान ही लगाया जा सकता है.

पूर्णिमा के भाजपा में शामिल होने के खबरों के बीच ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्णिमा को कांग्रेस धनबाद से लोकसभा का टिकट दे सकती है. पूर्णिमा धनबाद से कांग्रेस के लिए भी सबसे मजबूत दावेदार मानी जा रही है. पूर्णिमा ने झरिया में 52 साल के बाद कांग्रेस की वापसी करवाई है. पूर्णिमा की जीत से पहले झरिया में कांग्रेस अंतिम बार 1967 में जीती थी. झरिया के राजा शिव प्रसाद सिंह ने अंतिम बार 1967 में कांग्रेस के टिकट पर झरिया जीता था. 2019 के चुनाव से पहले झरिया में सिंह मेंशन और भाजपा का ही कब्जा था.

2017 में पति नीरज सिंह की हत्या के बाद पूर्णिमा नीरज सिंह ने अपने सियासी पारी की शुरुआत की और 2019 के विधानसभा चुनाव में पहली ही बार में जीत हासिल की.

प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस आगामी 11 मार्च तक धनबाद से लोकसभा प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर सकती है. लेकिन भाजपा कब तक धनबाद सीट के लिए उम्मीदवार का नाम जारी करेगी इसकी कोई स्पष्ट जानकारी नहीं है.

अब आने वाले समय में ही यह पता चल पाएगा कि पूर्णिमा नीरज सिंह कांग्रेस में बनी रहेंगी या गीता कोड़ा की तरह भाजपा का दामन थाम लेंगी.

 

 

 

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