पटना : बिहार में कुछ महीनों बाद विधानसभा चुनाव होना है। इस बीच सियासी पार्टियां लगातार चुनावी मंथन कर रही है। साथ ही कई बड़े नेताओं का बिहार आने का सिलसिला जारी है। वहीं भोजपुरी सिनेमा के ‘सुपरस्टार’ अभिनेता पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह अब चुनावी मैदान में दमखम दिखाती नजर आएंगी। आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर ज्योति ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। हाल ही में डेहरी में एक कार्यक्रम में भाग लेते हुए उन्होंने कहा कि वे इस बार काराकाट की किसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी। सबसे अहम बात यह रही कि उन्होंने यह भी ऐलान कर दिया है। अगर किसी बड़ी पार्टी से टिकट नहीं मिला तो वे निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरेंगी।
एक साल से ज्योति सिंह लगातार काराकाट क्षेत्र में सक्रिय हैं
पिछले एक साल से ज्योति सिंह लगातार काराकाट क्षेत्र में सक्रिय हैं। सामाजिक और स्थानीय कार्यक्रमों में उनकी लगातार मौजूदगी ने इस बात के संकेत पहले ही दे दिए थे कि वे विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा सकती हैं। अब जबकि उन्होंने स्वयं अपने चुनावी इरादों को सार्वजनिक कर दिया है, इससे इलाके की राजनीति में नई हलचल शुरू हो गई है।
चुनाव लड़ने के फैसले पर क्या बोलीं ज्योति सिंह?
ज्योति सिंह ने कहा कि उनका राजनीति में आने का निर्णय कोई तात्कालिक फैसला नहीं है, बल्कि पिछले कई महीनों की तैयारी और क्षेत्रीय जुड़ाव का परिणाम है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले दो महीनों में उनकी किसी भी राजनीतिक दल से बातचीत नहीं हुई है। इसीलिए यदि कोई दल उन्हें टिकट नहीं देता, तो वे जनता के सहयोग से निर्दलीय चुनाव लड़ेंगी। उनके अनुसार, उन्हें स्थानीय जनता का पूरा समर्थन प्राप्त है और यही उनकी सबसे बड़ी ताकत है। इस घोषणा के साथ ही यह भी तय हो गया है कि काराकाट ही उनकी चुनावी कर्मभूमि होगी। उन्होंने यह भी दोहराया कि वे किसी अन्य क्षेत्र से चुनाव नहीं लड़ेंगी। उनका लक्ष्य केवल काराकाट विधानसभा क्षेत्र पर केंद्रित रहेगा। इससे साफ है कि उन्होंने अपनी रणनीति को लेकर पूरी तैयारी कर ली है।
2024 में पवन सिंह ने लड़ा था लोकसभा चुनाव
2024 के लोकसभा चुनाव में पवन सिंह ने भी काराकाट से किस्मत आजमाई थी, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल सकी। उस समय ज्योति सिंह अपने पति के साथ प्रचार में सक्रिय रही थीं। चुनाव के बाद भी वे क्षेत्र में बनी रहीं और स्थानीय गतिविधियों में भाग लेती रहीं। अब उनकी यह राजनीतिक घोषणा इस बात का प्रमाण है कि वे सिर्फ प्रचार तक सीमित नहीं थीं, बल्कि स्वयं को राजनीति में स्थापित करने की दिशा में काम कर रही थीं।
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अंशु झा की रिपोर्ट
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