रांची: रांची में गुरुवार देर शाम हुई भारी बारिश के बाद हटिया डैम का जलस्तर तेजी से बढ़कर डेंजर जोन में पहुंच गया है। जल संसाधन विभाग ने स्थिति को गंभीर मानते हुए शुक्रवार को वैकल्पिक व्यवस्था के तहत डैम का गेट खोलने की तैयारी कर ली है। हालांकि तकनीकी खामी के कारण फाटक खोलने में फिलहाल दिक्कतें आ रही हैं।
डैम की स्थिति और तकनीकी समस्या:
अधीक्षण अभियंता आलोक भारती ने बताया कि डैम का वर्तमान जलस्तर 38.05 फीट है जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 39 फीट है। फुल लोड होने की वजह से जब गेट खोलने की प्रक्रिया शुरू की गई, उस वक्त बेयरिंग शाफ्ट टूट गया। साथ ही पुलिंग नट स्लिप कर गए और फाटक को उठाने वाला लोहे का रोप व्हील भी काम नहीं कर पाया। इससे गेट नहीं खुल सका और बोल्ट भी क्षतिग्रस्त हो गए।
जल प्रबंधन की वैकल्पिक योजना:
स्थिति को देखते हुए कोलकाता से नया बेयरिंग शाफ्ट मंगाया गया है, लेकिन इसके पहुंचने में समय लगेगा। ऐसे में विभाग कम-से-कम एक फीट पानी निकालने के लिए वैकल्पिक तकनीकी उपाय करने में जुटा है। अगर बारिश और तेज हुई तो हैकिंग तकनीक से एक फाटक खोलकर चार इंच तक पानी छोड़ा जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक फिलहाल डैम को कोई तत्काल खतरा नहीं है और सभी संबंधित विभाग अलर्ट पर हैं।
मरम्मत कार्य पर उठे सवाल:
हटिया डैम के गेट की दो वर्ष पूर्व 98 लाख की लागत से मरम्मत कराई गई थी। मरम्मत का कार्य डालटनगंज की मेसर्स मंगल सूर्या कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड को सौंपा गया था। अब तक कंपनी को करीब 65 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है, जबकि शेष 30% भुगतान रोक दिया गया है। अधीक्षण अभियंता आलोक भारती ने कहा कि कंपनी को अभी तक विभाग की ओर से एनओसी भी जारी नहीं किया गया है।
मरम्मत के बाद गेट खोलने का परीक्षण तब किया गया था जब डैम में मात्र 3 फीट पानी था और गेट को छह इंच तक खोला गया था। लेकिन अब जब डैम फुल लोड में है, गेट खोलते समय तकनीकी खराबी सामने आ गई, जिससे मरम्मत की गुणवत्ता पर सवाल उठ रहे हैं।
बारिश की वजह से हटिया डैम खतरे के निशान पर पहुंच चुका है और तत्काल तकनीकी समाधान आवश्यक हो गया है। वहीं, मरम्मत कार्य की गुणवत्ता और एजेंसी की जवाबदेही पर भी गंभीर प्रश्न खड़े हो गए हैं। प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ स्थिति पर नजर बनाए हुए है।