रांचीः झारखण्ड केंद्रीय विश्वविद्यालय-सीयूजे (Central University Of Jharkhand) एवं दक्षिण कोरिया के हंगूक विदेशी भाषा अध्ययन विभाग के बीच अगले सोमवार से टैंडम कक्षा की शुरुआत पर सहमति बनी है। इसको लेकपर सभी प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है।
कोरोना काल के बाद से लगातार दोनों विश्वविद्यालयों ने अपने छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए आपसी सहमति से यह निर्णय लिया कि दोनों विश्ववदिद्यालयों के 12-12 छात्र ऑनलाइन माध्यम से टैंडम कक्षा के माध्यम से भाषा एवं संस्कृति , आर्थिक एवं अंतर्राष्ट्रीय राजनीती से समबन्धित विषयों का अध्ययन करेंगे।
इस कक्षा में मुख्यतः सेकंड सेमेस्टर फोर्थ सेमेस्टर के बच्चों को शामिल किया जाता है। इस कक्षा का मुख्य उद्देश्य है कि हजारों किलोमीटर की दूरियों को मिटाते हुए छात्रों को नेटिव स्पीकर्स के साथ वार्तालाप एवं संवाद को स्थापित करना जिससे छात्र पूर्ण रूप से भाषायी दक्षता के साथ-साथ उस देश की संस्कृति का ज्ञान पूर्ण रूप से नेटिव स्पीकर्स के माध्यम से प्राप्त कर सकें।
तीन वर्षों से हो रही है कक्षा
विगत तीन वर्षों से झारखण्ड केंद्रीय विश्वविद्यालय लगातार छात्रों के हित को ध्यान में रखते हुए कोरियाई छात्रों के साथ टैंडेम कक्षा को कार्यान्वित कर रहा है। झारखण्ड केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. क्षिति भूषण दास जी के मार्गदर्शन में संचालित टैंडेम कक्षा शिक्षा के क्षेत्र में कोरोना काल के बाद एक बहुत ही अनूठी पहल है और झारखण्ड केंद्रीय विश्वविद्यालय में विदेशी भाषा पढ़ रहे छात्रों के बीच सर्वांगीण विकास करने का एक सुनहरा अवसर है।
छात्रों के बीच यह बहुत ही लोकप्रिय है एवं छात्रों में इस कक्षा को लेकर अति उत्साह है। इसमें भाग लेने के लिए होड़ लगी रहती है। इस टैंडेम कक्षा के प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर शशि कुमार मिश्रा एवं सुदूर पूर्व भाषा विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ रबीन्द्रनाथ शर्मा ने बताया कि बहुत ही पारदर्शिता के साथ इस कक्षा के लिए बच्चों का चयन किया जाता है।
एक मार्च से शुरू होकर यह 4 महीने तक चलता है। भारतीय नई शिक्षा निति को ध्यान में रखते हुए और भी कई टैंडेम कक्षा की शुरआत कोरिया के अन्य विश्वविद्यालयों के साथ करने की योजना है। बुसान विदेशी भाषा अध्ययन विश्वविद्यालय के साथ बहुत जल्द ही टैंडेम कक्षा की शुरुआत करने की योजना है।