रांची: अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) ने तकनीकी कॉलेजों में लागू होने वाले नए एआईसीटीई रेग्यूलेशन (डिग्री) 2024 का ऐलान किया है, जिसके तहत शिक्षकों की नियुक्ति और प्रमोशन के नियमों में अहम बदलाव किए गए हैं। इस संशोधन के बाद, अब तकनीकी कॉलेजों में छात्रों को विभिन्न ब्रांच (विषय) में शिक्षा देने वाले शिक्षक नियुक्त किए जा सकेंगे।
पूर्व में, शिक्षक बनने के लिए यह अनिवार्य था कि उम्मीदवार के पास बीटेक और एमटेक दोनों में एक ही ब्रांच का हो, जैसे कि बीटेक कंप्यूटर साइंस और एमटेक मैकेनिकल इंजीनियरिंग में से कोई एक। अब, एआईसीटीई रेग्यूलेशन 2024 के तहत, छात्र दोनों विषयों से संबंधित शिक्षक बनने के योग्य होंगे।
इसके अलावा, असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर के प्रमोशन के लिए सिर्फ रिसर्च पेपर को ही प्रमुख मानदंड नहीं बनाया गया है। अब प्रमोशन के लिए रिसर्च पेपर के साथ-साथ छात्रों का फीडबैक, विभागीय और संस्थागत गतिविधियों में योगदान को भी महत्वपूर्ण माना जाएगा। संशोधन के बाद, छात्रों का फीडबैक 30 अंक, एसीआर (एसीडेमिक एंड कंट्रीब्यूशन रेटिंग) 10 अंक, विभागीय गतिविधियों के 30 अंक, और संस्थागत गतिविधियों के 30 अंक होंगे।
इसके अलावा, तकनीकी कॉलेजों में शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु में भी बदलाव हो सकता है। एआईसीटीई के नए नियमों के तहत, अब राज्य सरकारों को यह अधिकार दिया गया है कि वे शिक्षकों की सेवानिवृत्ति की आयु 65 वर्ष से बढ़ाकर 70 वर्ष कर सकती हैं।
नए रेग्यूलेशन के अनुसार, डीन, प्रिंसिपल और डायरेक्टर जैसे प्रशासनिक पदों पर नियुक्त अधिकारियों के पढ़ाने के घंटे भी घटाए गए हैं। इन अधिकारियों को अब हर हफ्ते केवल चार घंटे पढ़ाना होगा, जबकि असिस्टेंट प्रोफेसर को 16, एसोसिएट प्रोफेसर को 14 और प्रोफेसर को 12 घंटे पढ़ाने होंगे।
यह संशोधन एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग, मैनेजमेंट, आर्किटेक्चर और अन्य तकनीकी कॉलेजों को लागू होगा, जो उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा और शिक्षक प्रशिक्षण को प्रोत्साहित करेगा।