पूर्णिया: बिहार में विधानसभा चुनाव को लेकर अब गतिविधियां तेज हो गई है। विधानसभा चुनाव को लेकर एक तरफ एनडीए जहां एकजुट हो कर कार्यकर्ताओं के साथ लोगों के बीच जाने की योजना बना रहा है तो दूसरी तरफ महागठबंधन में गांठ पड़ती हुई दिखाई दे रही है। एक तरफ बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव अपनी कार्यकर्ता संवाद यात्रा के दौरान बिहार में सरकार बनाने के लिए एक से एक योजनाओं की घोषणा कर मतदाताओं को अपने पक्ष में करने की कवायद में जुटे हुए हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस बिहार में अपनी जमीन तलाशने में जुटी हुई है।
एक तरफ रविवार को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने विधानसभा चुनाव में सीटों को लेकर चर्चा की और कहा कि विधानसभा चुनाव में हम 2020 के चुनाव में जितनी सीटों पर चुनाव लड़े थे इस बार भी उससे कम सीटों पर चुनाव नहीं लड़ेंगे। वहीं दूसरी तरफ पूर्णिया के सांसद पप्पू यादव ने भी तेजस्वी यादव की टेंशन बढ़ा दी है। पप्पू यादव ने विधानसभा चुनाव को लेकर कहा कि बिहार में विधानसभा चुनाव महागठबंधन को कांग्रेस के नेतृत्व में चुनाव लड़ना चाहिए और बिहार के मुख्यमंत्री का चयन पटना में नहीं बल्कि दिल्ली में होना चाहिए।
पप्पू यादव ने राजद की अगुवाई में नहीं, बल्कि कांग्रेस की अगुवाई में चुनाव लड़ने की मांग कर दी है। पप्पू यादव ने सीधे शब्दों में कहा कि अगर बिहार सरकार में हमारी हिस्सेदारी हुई तो हम पेपर लीक जैसी घटनाओं पर लगाम लगायेंगे साथ ही अभ्यर्थियों को तीन महीने के अंदर नियुक्ति पत्र भी देंगे। बता दें कि बिहार में महागठबंधन में राजद के नेता राजद को बड़ा भाई की भूमिका में देखते हैं और कई राजद के नेताओं ने कहा भी है कि विधानसभा चुनाव तेजस्वी यादव के नेतृत्व में लड़ा जायेगा।
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