प्राथमिकी से अभ्यर्थियों के बीच गुस्सा, आंदोलन तेज करने की चेतावनी

Ranchiजिला प्रशासन जेपीएससी, चेयरमैन अमिताभ चौधरी से अपनी शिकायतों के लेकर मिलने गए जेपीएससी अभ्यर्थियों के प्रतिनिधि मंडल और भानू प्रताप शाही, लम्बोदर महतो, नवीन जायसवाल सहित कुल 13 लोगों पर  ने प्राथमिकी दर्ज करवायी है. प्राथमिकी में इन लोगों पर शान्ति भंग करने का आरोप लगाया गया है.

बता दें कि 7वीं-10वीं जेपीएससी पीटी के परिणाम के प्रकाशन के बाद ही जेपीएससी अभ्यर्थी आंदोलनरत हैं. छात्रों की शिकायत है कि रिजल्ट में घांधली हुई है. एक सीरीज से अभ्यर्थियों का पास करना महज संयोग नहीं हो सकता.

इसी शिकायत के साथ 23 नवंबर को जेपीएससी अभ्यर्थियों ने पीटी परीक्षा परिणाम रद्द करने की मांग को लेकर मोराबादी से लेकर जेपीएससी कार्यालय तक मार्च की योजना बनाई थी. लेकिन अभ्यर्थियों को मोराबादी में ही रोक दिया गया. बाद में डेलिगेशन को मिलने की अनुमति दी गई. कुल 16 की संख्या में अभ्यर्थियों का डेलिगेशन जेपीएससी, चेयरमैन अमिताभ चौधरी से वार्ता के लिए पहुंचा.

राज्यपाल से मिल भाजपा नेताओं ने की थी अभ्यर्थियों से न्याय की मांग

इधर पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के नेतृत्व में भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मामले में राज्यपाल से मिल कर मामले की दखल देने की गुहार लगाई और अभ्यर्थियों को न्याया दिलाने की मांग की. लेकिन, जिला प्रशासन ने अभ्यर्थियों के प्रतिनिधिमंडल के लौटते ही प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे अभ्यर्थियों और भानू प्रताप शाही, लम्बोदर महतो, नवीन जायसवाल सहित कुल 13 लोगों शांति भंग करने का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कर दी.

अभ्यर्थियों के आंदोलन को एक अवसर के रुप में तलाश रही है भाजपा

यहां यह बताना भी जरुरी है कि भाजपा इसे एक राजनीतिक अवसर के रुप में इस्तेमाल कर रही है. लगातार छात्रों के आन्दोलन का अपना समर्थन दे रही है. भानू प्रताप शाही, लम्बोदर महतो, नवीन जायसवाल लगातार अभ्यर्थियों के आन्दोलन को अपना समर्थन दे रहे है और सरकार से अभ्यर्थियों के साथ न्याय देने की मांग करते रहे हैं.

प्रतिनिधि मंडल में शामिल लोगों पर प्राथमिकी से अभ्यर्थियों के बीच गुस्सा, आंदोलन तेज करने की चेतावनी

इधर प्रतिनिधिमंडल में शामिल रहे अभ्यर्थियों और अन्य लोगों पर प्राथमिकी दर्ज किए जाने से अभ्यर्थी में गुस्सा और नाराजगी है. अभ्यर्थी इसे एक दमनात्मक कदम और अभ्यर्थियों की आवाज को दबाने की कोशिश मान रहे हैं. सरकार के इस रवैए पर नाराजगी जताते हुए अभ्यर्थियों ने आंदोलन और तेज करने की बात कही है. साथ ही कट ऑफ मार्क्स और पूछे गए प्रश्नों के उत्तर को लेकर भी अभ्यर्थियों ने सवाल खड़े किए हैं. अभ्यर्थियों का आरोप है कि आयोग ने बताने से ज्यादा छिपाने की कोशिश की है. अभ्यर्थियों की सीधी मांग है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को सामने आएं और अभ्यर्थियों के साथ न्याय करें.

रिपोर्ट- शहनवाज 

 

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