वाराणसी। वाराणसी में नाराज नाविकों ने नावों का संचालन किया बंद। महाकुंभ 2025 के चलते श्रद्धालुओं और तीर्थयात्रियों का रेला लगातार काशी विश्वनाथ के दर्शन-पूजन एवं गंगा आरती देखने को वाराणसी पहुुंच रहा है। श्रद्धालुओं की भीड़ वाले मौसम में ही वाराणसी में गंगा में नौकायन का लुत्फ उठाने वाले श्रद्धालुओं- तीर्थयात्रियों के साथ ही पर्यटकों को लिए भारी परेशानी की स्थिति बनी है क्योंकि बीते सोमवार से ही गंगा में नावों का संचालन बंद है। जल पुलिस और एनडीआरएफ पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर नाविकों ने नौका संचालन बंद कर किया।
सरकारी उत्पीड़न से नाराज नाविकों ने काम किया ठप
वाराणसी में घाटों के किनारे नाविकों ने शांति भंग में जेल भेजे गए नाविकों की रिहाई की मांग करते हुए बीते सोमवार को नौका संचालन बंद कर दिया। बीते सोमवार को ही दोपहर बाद नाविकों की जेल से रिहाई हो गई, लेकिन नाविकों का धरना खत्म नहीं हुआ।
नाविकों ने दशाश्वमेध घाट पर सभा की और शासन और प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। जल पुलिस, नगर निगम और जिला प्रशासन की ओर वार्ता करने का प्रयास किया गया, लेकिन नाविकों की मांग बदलते रहने की वजह से वार्ता नतीजे पर नहीं पहुंच सकी। इसके चलते गंगा में बीते सोमवार को नावें नहीं चलीं। इससे पर्यटक घाटों का दीदार नहीं सके।

वाराणसी में गंगा में छोटी-बड़ी 2500 नावों को होता है संचालन
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, गंगा में करीब 2500 छोटी-बड़ी नावें चलती हैं। नाविकों के विरोध का नेतृत्व कर रहे मां गंगा निषाद राज सेवा न्यास के अध्यक्ष प्रमोद मांझी ने कहा कि –‘दो साल से नावों का लाइसेंस नहीं बना है। नगर निगम नहीं सुन रहा है। ओवरलोडिंग के नाम पर नाविकों के साथ अभद्रता की जा रही है। नाविक ओवरलोडिंग के आरोप में जब्त नाव छुड़वाने की मांग पर अड़े हैं।’

दूसरी ओर, जल पुलिस प्रभारी एसआर गौतम ने कहा कि –‘ओवरलोडिंग नाव के खिलाफ मुकदमा दर्ज है। अब कोर्ट से ही इसपर कुछ हो सकेगा। कई बार बातचीत करने का प्रयास किया गया, लेकिन नाविक लगातार मांग बदल रहे हैं। इस वजह से वार्ता का कोई हल नहीं निकल पाया।’

नाराजगी ऐसी कि सवार यात्रियों को नाविकों ने नाव से उतरवा दिया…
गंगा में प्रतिदिन ढ़ाई हजार छोटी बड़ी नावों और क्रूज का संचालन होता है। अनुमान के मुताबिक पहले दिन करीब 10 लाख रुपये से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ। गंगा में छह बड़े क्रूज, करीब 500 बड़े बजड़ों और नावों का संचालन होता है। गंगा में छह क्रूज और 600 से अधिक बजड़ों का संचालन नहीं हुआ।
अलकनंदा क्रूज पर यात्री पहुंच चुके थे। नाविकों की नाराजगी को देखते हुए उन्हें उतार दिया गया। अलकनंदा क्रूज लाइन ने 700 पर्यटकों का और अस्सी घाट के क्रूज ने 200 से अधिक पर्यटकों की बुकिंग कैंसिल कर पैसा रिफंड कर दिया। अनुमान के मुताबिक पहले दिन क्रूज और बजड़ा संचालकों ने पांच लाख से अधिक की बुकिंग कैंसिल की।
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