रांची: भाजपा विरोधी खेमा को एक मंच पर लाने का प्रयास जारी है. इसी कड़ी में शनिवार को कर्नाटक की राजधानी बंगलूरू में भाजपा विरोधी खेमे में शामिल राजनीतिक दलों के प्रमुख नेताओं का महाजुटान होने जा रहा है.
शनिवार को कर्नाटक में नयी सरकार का शपथ होना है. इसी शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष के कई दल के नेता एक साथ मंच साझा करने जा रहे हैं. झारखण्ड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन भी इस शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे.
दरअसल कर्नाटक की जीत ने जहां कांग्रेस को संजीवनी दी है वहीँ विपक्ष भी भाजपा के विरोध में एक मंच तैयार करना चाह रहा है. कर्नाटक की जीत के बाद से राजनीतिक विश्लेषकों का यह कहना कि कांग्रेस के बिना भाजपा विरोधी गठबंधन जनता को रास नहीं आएगी, इससे कांग्रेस का मनोबल भी बढ़ा है.
गौरतलब है कि कर्नाटक की नयी सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के साथ साथ महाराष्ट्र से उद्धव ठाकरे, टीएमसी सहित कई अन्य दलों के नेता इसमें शामिल होंगे. झारखण्ड में हेमंत सोरेन की सरकार कांग्रेस और राजद के सहयोग से चल रही है.
उसमें भी कांग्रेस महत्वपूर्ण भूमिका में है. विपक्ष के लाख प्रयास के बाद भी हेमंत सरकार पिछले साढ़े तीन साल से सफलतापूर्वक चल रही है. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन छह दिनों बाद गुरुवार की शाम को बाहर से वापस झारखंड लौटे हैं.
शनिवार को सीएम कर्नाटक के सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे इसे लेकर तैयारी पूरी कर ली गयी है. सीएम की यह यात्रा कई मायनों में अहम बताई जा रही है, दिल्ली में हेमंत सोरेन ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, महासचिव जयराम रमेश से भी मुलाकात की थी. झारखंड में कांग्रेस और जेएमएम का गठबंधन तमात तरह के विवाद और खींचतान के बाद भी सफलता पूर्वक चल रहा है.
राष्ट्रपति चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा एनडीए प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को समर्थन करना और राज्यसभा चुनाव में झामुमो द्वारा महुआ माजी को प्रत्याशी बनाने जैसी बातों को लेकर खटास नजर भी आयी थी लेकिन हेमंत ने अपने कुशल नेतृत्व से इस खटास को दूर कर लिया था. इतना ही नहीं कई बार कांग्रेस के विधायकों ने सरकार के खिलाफ मोर्चा भी खोला था उसे भी हेमंत सोरेन ने सफलतापूर्वक संभाल लिया.
यही वजह है कि आज राज्य में गठबंधन की सरकार बेरोकटोक चल रही है. कहा यह जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह के बहाने विपक्ष अपना शक्ति प्रदर्शन करना चाह रहा है. देखना दिलचस्प होगा की कर्नाटक से शनिवार को चलनेवाली हवा भाजपा के मिशन 24 पर क्या असर डालती है.