गया : बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के ब्राह्मण विरोधी बयान पर तूफान मचा हुआ है. बुधवार को जीतन राम मांझी ने बोधगया में अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन करते हुए धमकी भरे अंदाज में कहा कि कई लोग मेरी जीभ उखाड़ लेने के लिए 11 लाख रुपया इनाम रखे हैं, तो कई लोग मुझे बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं. मैं धमकी से डरने वाला नहीं हूं.
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने उन भ्रष्ट और व्यभिचारी पंडितों के बारे में कहा है जो रात के अंधेरों में शराब पीते हैं, मांस खाते हैं और ब्राह्मण के नाम पर लोगों को बेवकूफ बनाते हैं. वहीं पटना स्थित मांझी के आवास पर पुलिस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. बता दें कि जीतन राम मांझी अनाप-शनाप बयान की वजह से हमेशा सुर्खियां बटोरने में सस्ती लोकप्रियता की नाकाम कोशिश करते रहे हैं. यही वजह है कि आज एक बार फिर अपने ही बड़बोले के कारण ब्राह्मण समाज से उपेक्षा का शिकार बन चुके हैं.
ब्राह्मणों में बढ़ते आक्रोश के कारण अब पूरा ब्राह्मण समाज जीतन राम मांझी का विरोध कर रहा है. राजनीतिक बिगड़ते समीकरण को देखकर जीतन राम मांझी सकते में आ चुके हैं. अपने दिए गए बयान पर कभी पलटते नजर आते हैं तो कभी रफू करते दिखते हैं. ऐसे में जीतन राम मांझी का अगड़ी जातियों से मोह भंग होता दिख रहा है. यही वजह है कि अपने दिए गए अनर्गल बयान को पैच अप करने के लिए हर बार माफी मांगते दिख रहे हैं, तो कहीं सफाई देते नजर आ रहे हैं.
रिपोर्ट : राममूर्ति पाठक