पटना: अररिया में मंगलवार को एक अर्द्ध निर्मित पुल गिर गया। पुल गिरने के बाद से बिहार में राजनीतिक महकमे में भूचाल आ गया है और विपक्ष लगातार राज्य की सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है। विपक्ष के नेताओं ने दोषी अधिकारियों पर जल्द ही कार्रवाई करने की मांग के साथ ही यह भी आरोप लगा रहे हैं कि आखिर ऐसा क्या है कि राज्य में इतनी संख्या में पुल बनने से पहले ही गिर रही हैं।
इसी कड़ी में कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह ने भी पुल गिरने की घटना पर प्रतिक्रिया दी और कहा कि इसमें जो भी दोषी हों सरकार उनके ऊपर अविलंब कार्रवाई करे। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वे मुख्यमंत्री को जांच की मांग को लेकर पत्र लिखेंगे। इसके साथ ही उन्होंने मांग की कि पुल निर्माण में लगे एग्जीक्यूटिव इंजीनियर को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त कर देना चाहिए।
राजद के मुख्य प्रवक्ता शक्ति सिंह यादव ने भी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि मामले में कनीय अभियंता और सहायक अभियंता को बलि का बकरा न बनाया जाए बल्कि एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और चीफ इंजीनियर पर कार्रवाई की जाए क्योंकि पुल निर्माण की जिम्मेदारी उनकी है। शक्ति सिंह ने राज्य सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि मामले में सरकार दो अधिकारियों को निलंबित कर मामले की लीपापोती करने में लगी है जबकि कार्रवाई एग्जीक्यूटिव इंजीनियर और चीफ इंजीनियर पर होनी चाहिए।
वहीं एक अन्य राजद विधायक रणविजय साहू ने नीतीश सरकार को जिम्मेदार बताया और कहा कि केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने साफ कर दिया है कि यह पुल केंद्र की सरकार नहीं बल्कि राज्य की सरकार बनवा रही थी। उन्होंने कहा कि यह बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब जब सरकार बदलती है तो एक पुल ध्वस्त होता है।
वहीं उन्होंने नितिन गडकरी के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि राज्य और केंद्र दोनों जगह एनडीए की सरकार है फिर भी ये लोग एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ने में लगे हैं। जबकि भाकपा माले विधायक रामबली सिंह ने कहा कि इसमें राज्य और केंद्र के सरकार की मिलीभगत है। सरकार को सही से जांच कर दोषियों पर उचित कार्रवाई करनी चाहिए।
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पटना से विवेक रंजन एवं अविनाश सिंह की रिपोर्टh
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