पटना: बिहार में BPSC के द्वारा प्रधान शिक्षकों का रिजल्ट जारी किए जाने के बाद अब क्रेडिट लेने की होड़ मच गई है। बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट करते हुए बड़ा बयान जारी किया है। तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए शिक्षकों की बहाली को अपनी उपलब्धि बताया है।
उन्होंने शिक्षकों को बधाई देते लिखा है कि देश के इतिहास में पहली बार हमने पिछले साल आज ही के दिन 2 नवंबर 2023 में ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाते हुए पटना के गांधी मैदान से एक साथ 1,20, 336 नव नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया था और उन्होंने 17 महीने के कार्यकाल का जिक्र भी किया। साथ ही साथ उन्होंने यह दावा भी किया की नियुक्ति प्रक्रिया में जो मापदंड स्थापित किए गए, उससे लाखों अभ्यार्थियों को लाभ मिलता रहेगा।
हमने शुरू किया नियुक्ति पत्र वितरण का सिलसिला
तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि बिहार में नियुक्ति पत्र बांटने के सिलसिले की जो शुरुआत हुई है , यह उन्हीं के कारण हुई है। उसी के बाद भारत सरकार ने भी नियुक्ति पत्र बांटने की परंपरा शुरू की। तेजस्वी यादव ने दावा करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा है कि देश के इतिहास में पहली बार हमने पिछली बार 2 नवंबर 2023 को पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में नियुक्ति पत्र बांटने का रिकॉर्ड बनाया था । यह अपने आप में एक नया रिकॉर्ड है।
पटना के गांधी मैदान में एक राज्य में एक दिन में एक विभाग के साथ 1,20, 336 नव नियुक्त शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया था, जो पहले कभी नहीं हुआ था । 17 महीने के कार्यकाल का जिक्र करते हुए तेजस्वी यादव ने 5 लाख नियुक्तियां उन्होंने की है। साथ ही साथ 3 लाख नियुक्तियां जो है वह प्रक्रिया में है। कुल मिलाकर जहां पर बिहार विधानसभा की चार सीटों पर उपचुनाव होने है, उसे लेकर नियुक्ति और नौकरी के नाम पर फिर से सियासत शुरू हो गई है। तेजस्वी यादव ने नियुक्ति और नौकरी को लेकर अपनी क्रेडिट ली है।
याद करिए अपने माता पिता का कार्यकाल
इसके बाद अब जमकर सियासत गरमाती नजर आ रही है। जदयू और भाजपा के नेताओं ने तेजस्वी यादव के दावे पर पटवार किया है। भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविंद सिंह ने तेजस्वी यादव पर हमला करते हुए कहा कि ट्विटर बबूआ तेजस्वी यादव जी जब आप उपमुख्यमंत्री थे तब 120000 नौकरियां बांटने का जो दावा आप कर रहे हैं, उसके पहले राजद के 17 साल के कार्यकाल में आपके माता-पिता ने कितनी नौकरियां बांटीं।
117000 लोगों को पिछड़ों को बेरोजगार करने का काम किया था, पलायन करने का काम किया था। आपके माता-पिता के राज में लोग डर से, भय से , पलायन करने पर मजबूर हुए थे। अच्छे-अच्छे डॉक्टर, इंजीनियर, बिजनेसमैन सब बिहार छोड़कर भाग गए थे। धन्य मानिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी का जो आपके और आपके पिताजी पर दया करके आपको उपमुख्यमंत्री बना दिए।
तेजस्वी की बात से राजनीति होती है शर्मसार
जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने भी तेजस्वी यादव पर तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी यादव जी नौकरी का श्रेय लेते हैं, राजनीति भी शर्मसार हो जाती है। शिक्षक अभ्यर्थी की पात्रता भी आप में नहीं है। हां एक राजनीतिक परिवार के वारिस होने के नाते आपकी पात्रता है कि आप लालू जी के सुपुत्र हैं। लेकिन शिक्षा, जिनके मां पिता ने चरवाहा विद्यालय उनका बेटा कहता है कि शिक्षक जो सफल हो रहा है नौकरी मिल रही है वह हमारे चलते मिल रहा है। अरे सच तो यह है तेजस्वी यादव जी आपके पिता ने तो अपने परिजन को भी नहीं छोड़ा।
पटना में 45 बीघा 12 कट्ठा 16 धुर जमीन कोई मेहनत करके नहीं आया था। नौकरी के बदले में गरीबों का जमीन आपने लिया है, वह जमीन लौटा दीजिए। अगर लौटा दीजिएगा तब यह श्रेय लेने की बात आएगी तब फिर जाकर कुछ बात समझ में आएगी और वह विचार विमर्श का केंद्र बनेगा। लेकिन जिसके मां पिता ने नौकरी के नाम पर जमीन लिया उसमें आप भी शामिल हैं।
हिम्मत है तो लौटा दें जमीन
आपके नाम पर भी जमीन है, अगर हिम्मत है तो जमीन लौटाईये। नौकरी नीतीश कुमार जी ने दिया, उसके बदले ना किसी प्रकार का पैसा लिया और ना ही किसी प्रकार की जमीन ही अपने नाम लिखवाई। पदस्थापन में खेल नहीं हुआ तो ऐसा लग रहा है कि सब कुछ लुट गया आपका और आज राजनीति में आप विलाप कर रहे हैं और श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं। श्रेय तो आपको चरवाहा विद्यालय का लेना चाहिए।
महागठबंधन ने लगाया युवाओं के सपनो में पंख
बीजेपी और जदयू के पलटवार का जवाब देते हुए कांग्रेस ने तेजस्वी यादव के समर्थन में कहा कि महागठबंधन की जब सरकार थी तब बिहार के युवाओं के सपनों को पंख दिया गया था। कांग्रेस प्रवक्ता ज्ञान रंजन ने साफ तौर पर कहा कि पटना का गांधी मैदान इस बात का साक्षी है कि किस तरह से बिहार के बेरोजगार नौजवानों को थोक भाव में नौकरियां देकर उनके सपनों को पंख दिया गया था।
पूरे देश में इस बात की चर्चा होने लगी थी। इतना ही नहीं देखा देखी देश के प्रधानमंत्री ने भी नौकरियां की नियुक्ति पत्र मेला के रूप में बांटने लगे। यह सच है कि महागठबंधन की सरकार पहले भी प्रतिबद्ध थी और अभी भी प्रतिबद्ध है कि बिहार में नौकरी का सृजन होगा और करके रहेंगे। एनडीए की सरकार तो कॉपी करती है और गाल बजाने का काम करती है। हमारी सरकार की जो योजनाएं थी उसी का आज फीता काट रहे हैं और नाम अपना ले रहे हैं।
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पटना से महीप राज की रिपोर्ट
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