रांची. विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने जेएसएससी सीजीएल पेपर लीक मामले में सीआईडी की कार्रवाई पर बड़ा निशाना साधा। उन्होंने कहा कि अभी-अभी सूचना मिली है कि JSSC CGL PAPER लीक प्रकरण में संतोष कुमार मस्ताना (प्रशाखा पदाधिकारी सचिवालय सेवा), जिन्होंने मुखरता से आवाज उठाई थी, साथ ही साथ पेपर लीक का सबूत भी दिया था, उन्हें CID ने गिरफ्तार कर लिया है। साथ ही साथ इस केस में जो शिक्षक इस पेपर लीक की लड़ाई को सड़क से लेकर कोर्ट तक लड़ रहे है, उन्हें भी CID द्वारा बार बार नोटिस दिया जा रहा है।
बाबूलाल का हेमंत सरकार पर निशाना
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि उन्हें ज्ञात हुआ है कि सीआईडी इस पेपर लीक केस में सारे तथ्यों और सबूतों को मिटा रही है। साथ ही साथ गवाहों को डरा धमका के उनके बयान को बदला जा रहा है। उन्होंने कहा कि आखिर ऐसी कौन सी बात है, जो सीआईडी सारे तथ्यों को सरकार के इशारे पर तोड़ मरोड़ कर पेश कर रही है और गवाहों के बयान को डरा धमका कर सीआईडी द्वारा बदला जा रहा है।
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि कल केस की हाईकोर्ट में सुनवाई है और आज गिरफ्तार करना ये समझ से परे है। शुरुआत में आयोग ने कहा कि सारे सबूत से छेड़छाड़ की गई है। उसके बाद FSL रिपोर्ट से स्पष्ट है कि किसी भी मोबाइल में किसी प्रकार की कोई छेड़छाड़ नहीं है। छात्रों ने नेपाल में पेपर लीक का कनेक्शन बताया। बाद में CID ने स्वयं स्वीकार किया कि नेपाल 28 लोग गए थे और उसमें से बहुत सारे छात्र पास भी किए हैं।
उन्होंने कहा कि सबूत के तौर पर दिए गए मोबाइल में मिले अधिकतर प्रश्नों के उत्तर का मिलान भी सही पाया गया, पर अब सीआईडी कोर्ट में इसे महज गेस क्वेश्चन साबित करने में तुली है। हर तथ्य को शुरू से तोड़ मरोड़ के पेश किया जा रहा है। शुरुआत से ही इससे स्पष्ट है कि इस पेपर लीक प्रकरण में किंगपिन को बचाकर सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाने वालों को गिरफ्तार कर उनकी आवाज को दबाना चाहती है।
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