अररिया : बांगलादेशी घुसपैठ मामले में गिरफ्तारी का पहला मामला अररिया से आया है जहां नगर थाना पुलिस ने बंग्लादेशी नागरिक नवाब को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। यह बंग्लादेशी नागरिक बंगाल के रस्ते गंगा पार कर कटिहार पहुंचा और वहां से अररिया के रामपुर कोदरकट्टी पंचायत के मरंगी बंगाली टोला में बीते पांच वर्षों से छिप कर रह रहा था। इस गांव में उसने रंगीला खातून से शादी कर ली और बीएलओ को रुपए देकर आधार कार्ड और वोटर कार्ड भी बनवा रखा था। अररिया पुलिस इस मामले में तफ्तीश का दायरा बढाते हुए कार्रवाई में जुट गई है। वहीं इस गिरफ्तारी ने सीमांचल में बंग्लादेशी घुसपैठ पर भी मुहर लगा दिया है, जिसको लेकर भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह मुखर हो गए हैं।
अररिया नगर थाना के रामपुर कोदर कट्टी पंचायत का मरंगी बंगाली टोला जहां बंग्लादेशी नागरिक नवाब ना सिर्फ छिप कर रहा था। बल्कि शादी रचाकर बीएलओ की मदद से अपना वोटर कार्ड और आधार कार्ड भी बनवा चुका था। नवाब जब पासपोर्ट के लिए अपने कागजात को थाना और मुखिया के यहां जमा करता है वहां इसकी पोल खुल जाती है। शक के आधार पर पुलिस ने जब तफ्तीश शुरू की तो एक के बाद एक खुलासे होते चले गए। अररिया पुलिस की जांच में यह सामने आया कि यह शख्स नवाब बांग्लादेश का नागरिक है जो अररिया के इस गांव में चोरी छिपे रह रहा था। अररिया एएसपी रामपुकार सिंह ने बताया कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है। वहीं बंगलादेशी घुसपैठ की जांच का दायरा पुलिस बढ़ाते हुए कार्रवाई कर रही है।
इधर, पहचान छिपाकर रह रहे बांग्लादेशी नागरिक के पकड़े जाने और सरकारी सिस्टम के साथ खिलवाड़ कर आधार कार्ड से लेकर वोटर आई कार्ड तक बना लेने के खुलासे के बाद भाजपा सांसद प्रदीप कुमार सिंह घुसपैठ मामले को लेकर मुखर हो गए हैं। भाजपा सांसद ने राज्य और केंद्र सरकार से पहचान छिपाकर रह रहे लोगों को चिन्हित कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। सीमांचल में बड़ी संख्या में बांग्लादेशी घुसपैठी के होने का दावा सांसद ने किया।
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अररिया का यह मरंगी बंगाली टोला तो सिर्फ एक उदहारण मात्र है। जहां बंग्लादेशी घुसपैठ के रूप में नवाब की गिरफ्तारी हुई। यह साबित हो गया कि इस इलाके में सही मायने में बंग्लादेशी घुसपैठियों की मौजूदगी है। अब बड़ा सवाल उठता है कि क्या बीजेपी और जदयू की साझा सरकार सीमांचल में कोई ठोस कदम उठा सकेगी। चूंकि बीजेपी और उसकी अलग-अलग शाखा बंग्लादेशी घुसपैठ पर हमेशा मुखर रहती है। वहीं दूसरा बड़ा सवाल यह कि आखिर कौन वह निर्वाचन विभाग का बीएलओ है जिसने रुपए लेकर एक बंग्लादेशी नागरिक को एक झटके में भारतीय बना दिया।
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मंटू भगत की रिपोर्ट