Desk. स्वयंभू धार्मिक उपदेशक सूरज पाल उर्फ ’भोले बाबा‘ 2 जुलाई को हाथरस में भगदड़ में 121 लोगों के मारे जाने के बाद पहली बार बुधवार को सार्वजनिक रूप से सामने आए। इस दौरान उन्होंने संवेदनहीन बयान देते हुए कहा, जो आया है, उसे एक न एक दिन जाना ही है। हालांकि इस दौरान उन्होंने घटना पर दुख भी जताया।
हाथरस हादसे पर बोले भोले बाबा
दरअसल, भोले बाबा ने एक न्यूज एजेंसी से बात करते हुए कहा है, “2 जुलाई की घटना के बाद मैं बेहद दुखी हूं, लेकिन जो होना तय है उसे कौन रोक सकता है? जो भी आया है उसे एक न एक दिन जाना ही होगा।” साजिश का आरोप लगाते हुए बाबा ने कहा, “हमारे वकील डॉ. एपी सिंह और प्रत्यक्षदर्शियों ने हमें एक जहरीले स्प्रे के बारे में बताया है। यह सच है कि कुछ साजिश है। हमें एसआईटी और न्यायिक आयोग पर भरोसा है।” और सच सामने आएगा…अभी, मैं अपने जन्मस्थान बहादुर नगर, कासगंज में हूं।’
भोले बाबा के वकील ने दावा किया था कि “कुछ अज्ञात लोगों” द्वारा “कुछ जहरीला पदार्थ” छिड़कने से भगदड़ मच गई। “गवाहों ने मुझसे संपर्क किया और कहा कि 15-16 लोग जहरीले पदार्थ के डिब्बे ले जा रहे थे, जिन्हें उन्होंने भीड़ में खोला। उपदेशक के वकील एपी सिंह ने आरोप लगाया था, ”मैंने मारे गए लोगों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट देखी है और इससे पता चला है कि उनकी मौत दम घुटने से हुई है, चोटों के कारण नहीं।”
भगदड़ के सिलसिले में 2 जुलाई के ‘सत्संग’ के मुख्य आयोजक और धन जुटाने वाले देवप्रकाश मधुकर सहित कम से कम 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने भगदड़ के लिए ‘सत्संग’ आयोजकों को दोषी ठहराया है। सरकार ने निष्कर्षों के आधार पर स्थानीय उपमंडल मजिस्ट्रेट (एसडीएम), एक सर्कल अधिकारी और चार अन्य को निलंबित कर दिया है।