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Sunday, May 19, 2024

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आरसीपी सिंह का जदयू से इस्तीफा, जदयू को बताया डूबता जहाज

Patna– पूर्व केन्द्रीय मंत्री और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे आरसीपी सिंह ने जदयू से इस्तीफा देने की घोषणा कर दी है. केन्द्रीय मंत्रालय से इस्तीफे के बाद आरसीपी सिंह जदयू में हाशिये पर चल रहे थें. जदयू के एक खेमे के द्वारा आरसीपी सिंह पर पार्टी में रहते हुए संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया जा रहा था.

मेरी छवि को धूमिल करने की कोशिश की जा रही थी- आरसीपी सिंह

अपने गृह जिला नालंदा में प्रेस कान्फ्रेस कर इसकी जानकारी देते हुए आरसीपी सिंह ने जदयू को एक डूबता हुआ जहाज बताया, साथ ही कहा कि जो भी कार्यकर्ता जदयू को छोड़ना चाहते हैं वह इस डूबता हुआ जहाज को छोड़ सकते हैं. जदयू पर आरोपों की बौछार करते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि लगातार मेरी छवि को खराब करनी की साजिश रची जा रही थी. कई अनर्गल आरोप लगाये जा रहे हैं. आरसीपी सिंह ने फिलहाल किसी दल में शामिल होने की घोषणा नहीं की है, संभव है कि वह कोई संगठन बनाकर अपनी राजनीतिक गतिविधियों को चालू रखें.

जदयू की ओर से हो रहा था लगातार हमला

हाल के दिनों में आरसीपी सिंह पर JDU के अन्दर से ही हमले तेज होते जा रहे थें, जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने उन पर साल 2013-2022 के बीच अकुत संपत्ति अर्जित करने का आरोप लगाया था.  जदयू से ही आरसीपी सिंह पर हो रहे इस हमले के बाद यह अन्दाज लगाया जा रहा था कि आरसीपी सिंह कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं, जदयू में पहले से ही इस बात की चर्चा होती रहती थी कि वह जदयू से ज्यादा भाजपा के करीबी है, कहा जाता था कि उनके दिल में भाजपा प्रवेश कर गयी है. यही कारण है कि इस बार के राज्य सभा चुनाव में उन्हे जदयू कोटे से राज्य सभा नहीं भेजा गया, और आखिरकार उन्हे केन्द्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था.

नालंदा जिले के दो प्रखंडों में 40 बिगहा जमीन की खरीद करने का आरोप

जदयू (JDU) के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा की ओर से ये जवाब-तलब किया गया है. साल 2013-2022 तक प्रॉपर्टी अर्जित करने का आरोप है. इसमें नालंदा जिले के दो प्रखंडों में खरीदी गई 40 बीघा जमीन भी शामिल है. जमीन को दान में लेने का आरोप भी आरसीपी सिंह (RCP Singh) पर लगा है. इन संपत्तियों का चुनावी हलफनामे में जिक्र नहीं किया गया था. पार्टी का आरोप है कि जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस बात को छिपाए रखा. जेडीयू (JDU) ने यहां तक आरोप लगाया है कि आरसीपी सिंह ने अपनी पत्नी के नाम में हेरफेर कर जमीन खरीदी है.

दो बार राज्यसभा सांसद बने आरसीपी सिंह

आरसीपी सिंह (RCP Singh) जेडीयू के कोटे से दो बार राज्यसभा भेजे गए थे. जिसके बाद उन्हें केंद्र में इस्पात मंत्री बनाया गया था. आरसीपी सिंह की इच्छा एक बार और केंद्रीय मंत्री बने रहने की थी. इसके लिए उन्होंने काफी प्रयास भी किए मगर पार्टी के भीतर उनके लिए माहौल खराब हो चुका था. लिहाजा इस बार जेडीयू की ओर से खीरू महतो को राज्यसभा भेज दिया गया. इसके बाद से उनके दिन खराब चलने लगे. अब ये नया मामला जमीन का आया है.

इस तरह फर्श पर आए RCP Singh

यूपी कैडर के आईएएस अधिकारी रहे आरसीपी सिंह पहली बार नीतीश के संपर्क में तब आए जब वो 1996 में तत्कालीन केंद्रीय मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा के निजी सचिव के रूप में तैनात थे. नीतीश कुमार और आरसीपी सिंह के बीच दोस्ती इसलिए भी गहरी हुई क्योंकि दोनों ही बिहार के नालंदा से हैं और एक ही जाति से आते हैं. कहा ये भी जाता है कि नीतीश कुमार, आरसीपी सिंह के नौकरशाह के तौर पर उनकी भूमिका से काफी प्रभावित थे.

रिपोर्ट: शक्ति/प्रणव राज/रजनीश

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