पटना: बिहार राज्य के मठ मंदिरों को लेकर पटना हाई कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। एक याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति राजीव रॉय की एकलपीठ ने बिहार में न्यास बोर्ड के कार्यशैली को लेकर नाराजगी जाहिर की और कहा कि न्यास बोर्ड लगातार आपराधिक छवि के लोगों को न्यासी नियुक्त कर रहा है। इससे बिहार में न्यास बोर्ड की छवि ख़राब हो रही है।
न्यायमूर्ति ने अपने फैसले में कहा कि अब धार्मिक न्यास समिति का सदस्य उसी को बनाया जाए जिसकी अनुशंसा जिले के डीएम और स्थानीय एसडीओ करेंगे। अनुशंसा करने से पहले संबंधित पदाधिकारी यह भी जांच करेंगे कि उक्त व्यक्ति पर कोई आपराधिक मुकदमा दर्ज है या नहीं। दरअसल पटना के मारुफगंज स्थित बड़ी देवी जी के प्रबंधक न्यास समिति के सदस्यों को लेकर हाई कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई थी जिस पर सुनवाई करते हुए है कोर्ट ने प्रबंधन समिति पुनर्गठित करने का आदेश पटना के डीएम को दिया है।
बता दें कि बीते 23 जुलाई को पटना हाई कोर्ट ने बोर्ड से निबंधित राज्य के सभी मठ मंदिरों और ठाकुरबाड़ी को न्यास समिति के गठन के लिए निर्देश जारी किया था। निर्देश के अनुसार जिले के डीएम को जांचे परखे हुए योग्य व्यक्ति को ही न्यास सदस्य के रूप में चयनित करना था जिसकी अनदेखी मारुफगंज बड़ी देवी जी मंदिर में की गई थी।
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