10 स्कूलों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज
कोडरमा : अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के नाम पर कोडरमा में बड़ा घोटाला प्रकाश में आया है.
1433 अल्पसंख्यक छात्रों के नाम पर तकरीबन डेढ़ करोड़ रुपए की राशि गबन कर ली गई.
हालांकि मामला प्रकाश में आने के बाद कल्याण पदाधिकारी ने विभाग के
तीन कर्मी समेत 10 स्कूलों के खिलाफ थाने में प्राथमिकी दर्ज करा दी है.
कोडरमा में बड़ा घोटाला: 10 स्कूलों से राशि का गबन
अल्पसंख्यक छात्रों को छात्रवृत्ति के नाम पर दिए जाने वाली राशि में बड़ी गड़बड़ी सामने आई है.
कोडरमा जिले में एक नहीं, दो नहीं, बल्कि तीन-तीन वित्तीय वर्ष में 10 स्कूलों में
अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के नाम पर दिए जाने वाली राशि का गबन किया गया है.
इसमें सिर्फ स्कूलों की भूमिका ही संदिग्ध नहीं है बल्कि विभाग के
तीन कर्मियों की मिलीभगत भी सामने आई है.
बहरहाल जिला कल्याण पदाधिकारी नीली सरोज कुजूर ने कोडरमा थाने में
10 स्कूल के प्राचार्य और विभाग के तीन कर्मियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है.
इन लोगों की भूमिका संदिग्ध
मामले में विभाग के सेवानिवृत्त लिपिक मोहम्मद मोबिन, वर्तमान लिपिक प्रमोद कुमार मुंडा और कंप्यूटर ऑपरेटर मोहम्मद हैदर की भूमिका पूरी तरह से संदिग्ध है. कल्याण पदाधिकारी के मुताबिक स्कूल से मिले कागजातों की जांच किए बिना ही उसे अपलोड कर दिया गया है. मामले में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद सेवानिवृत्त क्लर्क मोहम्मद मुबीन, लिपिक प्रमोद कुमार मुंडा कार्यालय नहीं आ रहे हैं वही कंप्यूटर ऑपरेटर मोहम्मद हैदर का कहना है कि इस मामले में विभाग के बाबू के द्वारा जो आदेश दिया जाता था वे सिर्फ उसका पालन करते रहे हैं. राशि गबन के इस मामले से कंप्यूटर ऑपरेटर मोहम्मद हैदर पूरी तरह से पल्ला झाड़ते हुए नजर आ रहे हैं.
जांच के बाद मामले का हुआ खुलासा
छात्रवृत्ति के नाम पर अनियमितता की बात जब उपायुक्त को पता चली तो उन्होंने अपर समाहर्ता से इस पूरे मामले की जांच करवाई. जिसमें यह बात सामने आया कि फर्जी स्कूल और फर्जी छात्रों के नाम पर अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के नाम पर मिलने वाली राशि का गबन किया जा रहा है और वित्तीय वर्ष 2017-18, 2018-19 और 2019-20 में 10 स्कूलों के 1433 छात्रों के नाम पर तकरीबन डेढ़ करोड़ की राशि विभाग के कर्मियों की मिलीभगत से गबन कर ली गई है.
कोडरमा में बड़ा घोटाला: इन स्कूलों में हुआ घोटाला
10 स्कूलों में ब्राइट हाप पब्लिक स्कूल, उर्दू मिडिल स्कूल दरीकला, उर्दू मिडिल स्कूल हरिना, उर्दू मिडिल स्कूल पेलावल, चाइल्ड प्रोग्रेसिव स्कूल, किड्स स्कूल बेहरवाटांड़, स्वामी विवेकानंद विद्या सागर स्कूल, मदरसा रशीदिया करमा, एनपीएस फुटलहिया और उत्क्रमित प्राथमिक विद्यालय चंदवारा के नाम शामिल है.
जानिए चाइल्ड प्रोग्रेसिव स्कूल के प्रबंधन ने क्या कहा
इनमें से एक चाइल्ड प्रोग्रेसिव स्कूल जिस पर 144 छात्रों के नाम पर तकरीबन 15 लाख रुपये गबन का मामला दर्ज किया गया है, उसके प्रबंधन का कहना है कि जिन 144 बच्चों की सूची उन्हें सौंपी गई है उनमें से एक भी बच्चा उनके स्कूल में नहीं पढ़ता है और जब उन्हें इस बात की सूचना मिली थी तो उन्होंने स्कूल के फर्जी स्टांप और हस्ताक्षर इस्तेमाल कर गड़बड़ी करने का मामला भी थाने में दर्ज कराया था और इसकी लिखित शिकायत भी अधिकारियों से की थी.
चाइल्ड प्रोग्रेसिव स्कूल के संचालक तौफीक हुसैन ने कहा कि इस पूरे घोटाले में कल्याण विभाग के कर्मी जिम्मेदार है और स्कूलों के नाम पर फर्जी छात्रों का नाम देकर राशि का गबन किया गया है.
एक भी बच्चे के खाते में ट्रांसफर नहीं हुए पैसे
दरअसल छात्रवृत्ति से पहले एक प्रक्रिया अपनाई जाती है. इसके लिए पहले स्कूलों की ओर से आवेदन आता है और उस पर स्वीकृति मिलने के बाद स्कूलों के तरफ से बच्चों की सूची विभाग को ऑनलाइन भेजी जाती है. जिसके बाद कल्याण विभाग ने तमाम कागजातों की जांच के बाद उन नामों की सूची को मुख्यालय भेजता है और मुख्यालय से ही राशि बच्चों के नाम पर ट्रांसफर की जाती है. जिन 1433 बच्चों की सूची मिली है उनमें से एक भी बच्चे के खाते में पैसे ट्रांसफर नहीं हुए हैं. जबकि इनमें से कई बच्चों के नाम और पते भी फर्जी पाए गए हैं. ऐसे में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद जब कार्रवाई होगी तो इस फर्जीवाड़े के दर परत खुलेंगे.
रिपोर्ट: कुमार अमित