जातीय गणना पर बिहार सरकार की बड़ी जीत, इसकी लंबी लड़ाई लड़ी है RJD – जगदानंद सिंह

पटना : बिहार में जातीय गणना को लेकर पटना हाई कोर्ट के सरकार के पक्ष में फैसला देने के बाद राजद प्रदेश अध्यक्ष जगदानाद सिंह प्रदेश कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस किया। उन्होंने कहा कि सरकार जातियों में जाती की पहचान करना चाह रही है की किस जाति में कितने लेकर पिछड़े है। शैक्षणिक रूप में उन्हें आगे लाया जा सके। इसके लिए सरकार जातीय गणना करवा रही है।

जगदानंद सिंह ने कहा कि राजद इसकी लंबी लड़ाई लड़ी है। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जातीय गणना को लोग कह रहे है कि इसमें जात-पात में लड़ाई होगी, लेकिन ऐसा नहीं है। लंबी लड़ाई के बाद जातीय गणना हो रही है। मनमोहन सिंह की सरकार ने जातीय गणना करवाई थी लेकिन कुछ त्रुटि रहने के कारण गणना प्रकाशित नहीं हो पाई। हम लोग लंबे समय से मांग करते आ रहे थे कि जब केंद्र सरकार जनगणना का काम करवाती है उसमें एक कलम जाति का भी छोड़ दें। ताकि पता चल सके कि पूरे भारत में किस जाति के कितने लोग हैं। लेकिन आज के मौजूदा सरकार जाति और धर्म के नाम पर मनमानी का काम करती हैं।

राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा कि विधानसभा से एक बार नहीं बल्कि तीन-तीन बार सर्वसम्मति से सरकार को भेजी। केंद्र सरकार ने भी कहा कि हम इस पर कोई अवरोध नहीं पैदा करना चाहते। राज्य सरकार अपने खर्च पर जातीय गणना करवा सकती हैं। हमारे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव इस विषय को लगातार उठाते रहे हैं। उनका जाति से कोई द्वेष नहीं है बल्कि सबकी न्याय के लिए आवाज उठाते रहे हैं।

हाई कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सुनवाई करते हुए फ़ैसला सुनाया है। जगदानंद सिंह कहा कि अब हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया है। बिहार में जातीय गणना का काम एक बार फिर से शुरू होगा। जगदानंद ने कहा कि बिहार हर क्षेत्र में लड़ाई लड़ा है आज जो फ़ैसला आया है वो बिहारवासियों के पक्ष में आया है। बिहार जब-जब अंगड़ाई ली है तो हर क्षेत्र में परिवर्तन हुआ है। हमलोग केन्द्र सरकार से मांग करते है पूरे देश में जाती से संबंधित जातीय जनगणना हो उनकी संख्या के बारे पता चल सके।

विवेक रंजन की रिपोर्ट

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