Ayushman Bharat योजना की प्रगति में बिहार तीसरे स्थान पर, शुरू हुआ तीन दिवसीय…

Ayushman Bharat कार्ड बनाने के लिए तीन दिवसीय विशेष अभियान होगा शुरू। नवसूचीबद्ध 68 निजी अस्पतालों के एकदिवसीय राज्यस्तरीय उन्मुखीकरण सह कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान किया एलान। आयुष्मान भारत योजना की प्रगति में बिहार का तीसरा स्थान

पटना: आयुष्मान भारत योजना की प्रगति में देशभर में बिहार का तीसरा स्थान है। यहां अबतक 20 लाख 50 हजार जरुरतमंद लोगों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। इसमें अबतक 26 सौ करोड़ से अधिक की राशि खर्च की गई है।

आयुष्मान भारत योजना के तहत 1173 अस्पताल सूचीबद्ध

ये बातें स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने मंगलवार को पटना के बापू टावर में आयोजित एक कार्यशाला के उद्घाटन के दौरान कही। वे आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना एवं मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना अंतर्गत नव सूचीबद्ध 68 निजी अस्पतालों के उन्मुखीकरण सह कार्यशाला के उद्घाटन करने पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान में 1173 अस्पताल बिहार में आयुष्मान भारत योजना के तहत सूचीबद्ध हैं। इनमें 587 निजी और 586 सरकारी क्षेत्र के हॉस्पिटल हैं, जिनमें इस योजना का लाभ गरीब और जरूरतमंदों को दिया जा रहा है। उन्होंने बिहार में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए तीन दिवसीय विशेष अभियान शुरू करने का एलान किया Ayushman Bharat Ayushman Bharat 

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तीन दिवसीय विशेष अभियान शुरू करने का एलान

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पाण्डेय ने ये भी कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में ही सिर्फ 1000 करोड़ रुपये की राशि बिहार की गरीब जनता की सेवा के लिए आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत खर्च की गई थी। उन्होंने बिहार में आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए तीन दिवसीय विशेष अभियान शुरू करने का एलान किया और कहा कि राज्य में अबतक 3 करोड़ 75 लाख आयुष्मान कार्ड बने हैं लिहाजा अधिक से अधिक लोगों को इसका लाभ मिल सके, इसके लिए तीन दिन का विशेष अभियान गांव, पंचायत और प्रखंड स्तर पर चलेगा। ये अभियान 26 से 28 मई तक चलेगा।

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा लोगों को मुफ्त और अच्छी स्वास्थ्य सुविधाएं मिलें, इसके लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि लोगों को पता होना चाहिए कि इस योजना के तहत उन्हें किन-किन अस्पतालों में और किस तरह इलाज मिल सकता है। Ayushman Bharat Ayushman Bharat 

यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है ये योजना – स्वास्थ्य सचिव

वहीं, स्वास्थ्य विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा कि इस योजना का नैतिक पक्ष समझना बेहद जरूरी है। वित्तीय समस्या किसी भी व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित न कर सके इसलिए सरकार ने आयुष्मान भारत योजना लागू की। गरीब और जरूरतमंद लोगों को गुणवत्तापूर्ण इलाज मिल सके लिहाजा प्राइवेट अस्पतालों को भी सूची में शामिल किया गया है, जहां आयुष्मान कार्ड से लोगों का इलाज हो सके। ये योजना एक तरह से यूनिवर्सल हेल्थ इंश्योरेंस स्कीम है।

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इसमें अस्पतालों की भूमिका बेहद अहम हो जाती है ताकि गरीब व्यक्ति को ससमय और उचित इलाज मिल सके। उन्होंने कुछ अस्पतालों की तरफ से किए जा रहे फ्रॉड के मामलों पर भी चिंता जाहिर की और कहा कि ये काफी गंभीर विषय है। फ्रॉड डिटेक्शन की पुख्ता व्यवस्था है। कोई भी गरीब मरीज मजबूरी में ही अस्पताल आता है लिहाजा उसकी मजबूरी का फायदा नहीं उठाएं। Ayushman Bharat Ayushman Bharat Ayushman Bharat Ayushman Bharat

Ayushman Bharat योजना की प्रगति में बिहार तीसरे स्थान पर, शुरू हुआ तीन दिवसीय...

कार्यक्रम में बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी शशांक शेखर सिन्हा ने कहा कि सरकार सभी नागरिकों को बिना पैसा लिए इलाज की सुविधा देना चाहती है। इसके लिए जरूरी है कि अस्पताल अच्छे से योजना को समझें और ईमानदारी से काम करें। Ayushman Bharat Ayushman Bharat Ayushman Bharat

इस राज्यस्तरीय कार्यशाला का उद्देश्य था कि अस्पतालों को योजना से जुड़ी नई प्रक्रियाएं, तकनीकी बातें और कामकाज से जुड़ी जानकारी दी जा सके। कार्यशाला के दौरान एक प्रेजेंटेशन दिखाया गया, जिसमें समझाया गया कि मरीज इस योजना के तहत इलाज कैसे पा सकते हैं और उन्हें किस अस्पताल में जाना होगा। इसके साथ ही योजना में शामिल अस्पतालों की पूरी जानकारी भी दी गई।

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कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के सचिव मनोज कुमार सिंह, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक सुहर्ष भगत, बिहार स्वास्थ्य सुरक्षा समिति के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी शशांक शेखर सिन्हा, स्वास्थ्य विभाग के अपर सचिव आदित्य प्रकाश, स्वास्थ्य मंत्री के आप्त सचिव अमिताभ सिंह, राज्य स्वास्थ्य समिति के प्रशासी पदाधिकारी राजेश कुमार समेत कई अधिकारी और पदाधिकारी मौजूद थे।

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