पटना: बिहार में 65 प्रतिशत के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट ने भी झटका दिया और हाई कोर्ट के रोक को बरक़रार रखा है। सुप्रीम कोर्ट से आरक्षण पर रोक लगाए जाने के बाद विपक्ष लगातार जदयू-भाजपा की सरकार पर हमलावर बनी है। राजद ने भाजपा और जदयू पर आरक्षण विरोधी होने का आरोप लगाया। पटना में स्थित राजद कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में राजद प्रवक्ता चितरंजन गगन ने राज्य की सरकार पर जम कर हमला किया।
उन्होंने कहा कि बिहार में 5 लाख नियुक्तियां हुई है और उसमें आरक्षण का लाभ अभ्यर्थियों को दिया गया। इस नियुक्ति में गरीबों और अति पिछड़ों को काफी लाभ पंहुचा लेकिन भाजपा चाहती ही नहीं है कि आरक्षण किसी को मिले। भाजपा आरक्षण विरोधी पार्टी है और साजिश के तहत आरक्षण को खत्म करवा दिया। भाजपा किसी न किसी रूप में आरक्षण का विरोध करती रही है।
उन्होंने कहा कि नई आरक्षण व्यवस्था को अनुसूची 9 में जोड़ा जाये ताकि इस पर न्यायिक प्रक्रिया का प्रभाव नहीं पड़े। उन्होंने कहा कि अभी बिहार में करीब 3 से चार लाख नियुक्तियां होनी है और कोर्ट के आदेशानुसार आरक्षण के लाभार्थियों को इसका लाभ नहीं मिल पायेगा। नीतीश जी अभी केंद्र की सरकार में मजबूत हैं और अगर वे चाहेंगे तो आरक्षण व्यवस्था को नौंवीं अनुसूची में शामिल करवा सकते हैं।
अगर वे इस आरक्षण व्यवस्था को नौंवी सूची में शामिल करवा लेते हैं तो गरीब, वंचितों को इसका लाभ मिलेगा। उन्होंने सीएम नीतीश से मांग की कि केंद्र की सरकार पर दबाव बनाएं और नई आरक्षण व्यवस्था को नौंवी सूची में शामिल करवाइये और कोर्ट के नाम पर मामला को नहीं टालें।
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पटना से अविनाश सिंह की रिपोर्ट
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