Lucknow : समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार पर वक्फ संशोधन विधेयक को लेकर जोरदार हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जब केंद्र सरकार यह बिल संसद में लेकर आई थी, तब भी समाजवादी पार्टी ने इसका विरोध किया था और अब भी हम इसका पुरजोर विरोध करते हैं। यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, ऐसे में सरकार का यह कदम न्यायिक प्रक्रिया को प्रभावित करने की मंशा को दर्शाता है।
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अपनी नाकामियों से जनता का ध्यान भटकाना चाहती है बीजेपी
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार वक्फ संशोधन बिल के जरिए अपनी नाकामियों से जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि देश में महंगाई दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है, आम आदमी की कमर टूट चुकी है। “सोने का दाम एक लाख रुपये प्रति तोला पार कर गया है, जिससे आम परिवारों के लिए शादी-ब्याह जैसे जरूरी कार्य भी चुनौती बन गए हैं। जब विवाह में गहनों की परंपरा हो और सोना इतना महंगा हो जाए, तो ये गरीबों पर दोहरी मार है।”
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सपा प्रमुख ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा उन मुद्दों को हवा दे रही है, जिनसे लोगों की असल परेशानियों से ध्यान हटाया जा सके। “महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा की गिरती स्थिति और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली पर सरकार कुछ नहीं बोलती, लेकिन धार्मिक और भावनात्मक मुद्दों को उछालकर जनता को गुमराह कर रही है।”
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Lucknow : जाति के आधार पर तैनाती का आरोप
इसके साथ ही अखिलेश यादव ने प्रदेश के पुलिस थानों में जाति के आधार पर तैनाती का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग (PDA) की लगातार उपेक्षा कर रही है। “सत्ता में बैठे लोग थानों को जातीय अखाड़ा बना चुके हैं, जहां न्याय नहीं बल्कि पहचान के आधार पर व्यवहार किया जा रहा है।”
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अखिलेश ने शिक्षा व्यवस्था पर भी निशाना साधते हुए कहा कि “दिल्ली और लखनऊ जैसे शहरों में स्कूलों की फीस में बेहिसाब बढ़ोतरी हो रही है। निजीकरण के चलते गरीब और मध्यम वर्ग के लिए बच्चों को पढ़ाना दिन-ब-दिन कठिन होता जा रहा है।” अखिलेश यादव ने केंद्र और राज्य दोनों सरकारों से सवाल किया कि क्या यही ‘अच्छे दिन’ थे, जिनका वादा किया गया था? जनता आज हर मोर्चे पर परेशान है और सरकार उससे मुंह मोड़े हुए है।
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