पटना: Bihar विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने शनिवार को एक प्रेस वार्ता कर राज्य की सरकार पर जम कर बरसे। तेजस्वी यादव ने बिहार में शराबबंदी कानून को लेकर बिहार पुलिस और बिहार की सरकार पर जम कर हमला किया और कहा कि अब तो कोर्ट ने भी कह दिया है कि बिहार में पुलिस की वजह से शराब की तस्करी हो रही है। बिहार की पुलिस और सरकार ने शराबबंदी कानून को उगाही का सशक्त माध्यम बना लिया है। शराबबंदी के नाम पर बिहार में 40 हजार करोड़ रूपये का ब्लैक मार्किट बन चुका है, अगर शराबबंदी खत्म कर दिया जाये तो यह चालीस हजार करोड़ रूपये राज्य सरकार के खजाने में जायेंगे।
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बिहार पुलिस ने खुद ही बताया है कि शराबबंदी के कारण अब तक राज्य में नौ लाख से भी अधिक मुकदमे किये गए जबकि 14 लाख 32 हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया जिसमें से 90 प्रतिशत लोग दलित और गरीब हैं। 1 प्रतिशत लोग गैर दलित और पिछड़ा एवं अन्य राज्यों के हैं। इस तेजस्वी ने सरकार पर बड़ा हमला करते हुए कहा कि सरकार की औकात नहीं है कि गैर दलित और गैर पिछड़े लोगों को जेल में डाल सके। कानून सिर्फ दलितों पर चलता है और उन्हें तंग किया जाता है। Bihar Bihar Bihar Bihar Bihar Bihar Bihar Bihar Bihar Bihar
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अब तक राज्य में 3 करोड़ 86 लाख लीटर से अधिक शराब बरामद हुआ है जिसमें से 2 करोड़ लीटर से अधिक शराब विदेश शराब है। गरीब लोग विदेशी शराब तो पी नहीं सकते हैं तो बताइए बिहार में विदेशी शराब कौन पी रहा है। बिहार की पुलिस अमीर लोगों को गिरफ्तार नहीं कर सकती है। अब तक 14 लाख गरीब लोगों को गिरफ्तार किया गया है। कानून बने कई साल हो गये, लाखों लोग गिरफ्तार हो गए लेकिन बिहार में शराब की अवैध तस्करी नहीं रुकी।
अब तो सब जानना चाहता है कि शराबबंदी के बावजूद बिहार में शराब सप्लाई कौन कर रहा है। अभी तक किसी भी बड़े पुलिस अधिकारी को न तो गिरफ्तार किया गया और न ही उनके विरुद्ध कोई कार्रवाई की गई है।
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बिहार पुलिस शराब कारोबारियों के साथ मिल कर कर काम कर रही है। इन सब चीजों के लिए बिहार के मुख्यमंत्री दोषी हैं, अधिकारी दोषी हैं। कानून बचाने वाले लोग गरीब लोगों को डराने और धमकाने का टूल बना लिया है। अगर सरकार हमसे रिपोर्ट मांगेगी तो हम रिपोर्ट देने के लिए तैयार हैं। बिहार में शराब बंदी NK और PK की जुगलबंदी से विफल हुई है। हम अधिकारियों से भी कहना चाहते हैं कि अगर आप जुगलबंदी खत्म कर ईमानदारी से काम करेंगे तो बिहार में कानून व्यवस्था ठीक हो जायेगा। लोग कहते हैं कि 2005 से पहले जंगलराज था तो क्या उस वक्त ऐसा होता था?
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आज राज्य में बड़ी से बड़ी घटनाएँ घटती है लेकिन कोई जवाब नहीं देता है। पूर्व उप मुख्यमंत्री का पर्स चोरी हो जाता है क्या 2005 से पहले ऐसा होता था? हमलोग चाहते हैं कि राज्य में शराबबंदी सफल हो और यह तभी संभव है जब पुलिस ईमानदारी से काम करे। इस दौरान तेजस्वी ने रीतलाल यादव के यहां छापेमारी को लेकर कहा कि पुलिस भी सेलेक्टिव काम करती है। मोकामा विधायक के ऊपर मामला बंटा था लेकिन पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो इस तरह के सेलेक्टिव कार्रवाई से तेजस्वी नहीं डरता है।
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पटना से महीप राज की रिपोर्ट