Breaking : आंदोलन की आंधी बनी रिमझिम की पुकार- ‘रात हमारी है’, आज रात देश के 300 जगहों पर लड़कियों का अभियान

जनार्दन सिंह  की रिपोर्ट

डिजीटल डेस्क : Breaking – आंदोलन बनी रिमझिम की पुकार- रात हमारी है, 300 जगहों पर आज रात लड़कियों का अभियान। जिस कोलकाता में गत शुक्रवार के तड़के मेडिकल छात्रा के साथ रेप फिर उसके कत्ल की घटना हुई और उस मामले ने पूरे देश की निगाहें आकृष्ट कीं, उसी बंगभूमि की राजधानी से चुपचाप एक नए आंदोलन की आंधी ने अचानक इतनी तेजी से दस्तक दी है कि सियासतदान भी सकते में पड़ गए हैं। रात हमारी है रात हमारी है रात हमारी है 

आंदोलन के पीछे एक आह्वान है – ‘दि नाइट इज आवर्स यानी रात हमारी है’। इसका आह्वान करने वाली कोलकाता के ही प्रतिष्ठित उच्च शिक्षा संस्थान प्रेसीडेंसी की समाज विज्ञान की पूर्व छात्रा रहीं रिमझिम सिंह हैं।

उनकी ओर से फेसबुक पर उक्त शीर्षक से किए गए आह्वान पर कोलकाता के 3 स्थानों के साथ ही राजधानी दिल्ली समेत पूरे देश में 300 स्थानों पर बुधवार यानी 14 अगस्त की रात 11.55 बजे बालिकाएं और महिलाएं यह जताने को जुटेंगी कि वे भय के माहौल से निकलकर उसी पर राज भी करने में भी पूरी तरह काबिल हैं।

इसके लिए बाकायदा सोशल मीडिया पर पोस्टर जारी हुए हैं एवं अभियान से जुड़ी बालिकाएं व  महिलाएं अपने चेहरे पर आजादी का नारा भी लिखकर प्रदर्शन कर रही हैं।

मेडिकल छात्रा की मौत की घटना बनी इस आंदोलन की वजह, प्रिंसिपल के बयान ने रिमझिम के अंतर्मन को किया छलनी

लोगों की जेहन में सहज ही कौंधने लग रहा कि अचानक से क्रांति सरीखे आंदोलन का रूप लिए ‘रात हमारी है’ की बिगुल फूंकने के मूल में क्या बात रही।

बुधवार को अपने आंदोलन को पूरे देश से मिल रहे व्यापक समर्थन से आह्वादित एवं व्यस्थ रिमझिम खुद ही इस बारे में पूरी संजीदगी से बताती हैं – ‘आरजी कर मेडिकल कॉलेज की छात्रा की मौत हुई। उसके साथ जिस भी तरह की अमानवीयता हुई, उस पर वहां के प्रिंसिपल की टिप्पणी ने अंतर्मन को छलनी कर दिया क्योंकि प्रिंसिपल ने तब कहा था कि वह छात्रा उतनी रात को अकेले उस सेमिनार रूम में गई ही क्यों थी?

क्या किसी छात्रा को रात में अकेले सेमिनार रूम आराम फरमाने के लिए सुरक्षित नहीं हो सकता? और वह भी अपने शिक्षण परिसर में? परिसर भी सरकारी हो तो उसमें तो और भी पुख्ता व्यवस्था होनी चाहिए छात्रा और महिलोओं के लिए। बजाय उस पर बोलने के उल्टे छात्रा पर ही उंगली उठाने की कुत्सित कोशिश होता देख मन उद्वेलित हो उठा था।

मैं खुद भी काम खत्म करके घर लौटने के क्रम में रात को लेट हो जाती हूं। वह बात और उसके सापेक्ष मेडिकल कॉलेज के प्रिंसपिल का वह ओछापन भरा बयान। मन काफी कचोटा। और फिर उसी के बाद तुरंत विचार कौंधा कि क्यों न इसका विरोध किया जाए और कुछ ऐसा किया जाए जो लोगों को झिंझोड़ दे और व्यवस्था में हलचल मचा दे’।

‘रात हमारी है’ अभियान का सोशल मीडिया पर जारी पोस्टर
‘रात हमारी है’ अभियान का सोशल मीडिया पर जारी पोस्टर

10 अगस्त को किया आह्वान तो जुड़े लोग, रात हमारी है नारा अचानक से बना आंदोलन

इसी क्रम में रिमझिम ने आगे कहती हैं कि ‘आखिर ऐसे मामलों में नारी या बालिका ही हीन या हेय क्यों बनाई जाए।  फिर तय किया कि बालिका या महिला की आजादी के बारे में खुद को महिलाओं को आजादी से सोचना जरूरी है।

फिर क्या था गत 10 अगस्त को सहपाठियों से राय मशविरा कर पोस्टर का प्रारूप तैयार किया और उसे फेसबुक पर डाला तो लोगों में व्यवस्था को लेकर इतना गुस्सा भरा हुआ था कि यह इकलौता पोस्टर ही अचानक आंदोलन बना तो अब मन को सकून दे रहा है कि मैं और मेरी सोच पूरे परिप्रेक्ष्य में सही थे’।

फेसबुक पर ‘रात हमारी है’ की तिथि और समय के साथ गत 10 अगस्त को स्थान के तौर पर कोलकाता के यादवपुर के ईटीवी बस स्टैंड का जिक्र किया गया था। लेकिन अचानक से इस आंदोलन के लिए लोगों को बढ़े समर्थन ने पूरे माहौल सोशल मीडिया आधारित सामाजिक क्रांति सरीखा स्वरूप दे दिया तो अकेले कोलकाता में 3 अलग-अलग आयोजन स्थल तय करने पड़े हैं।

इनमें से एकेडमी ऑफ फाइन आर्ट्स है और दूसरा कॉलेज स्ट्रीट। इसके अलावा राजधानी दिल्ली में बंगालीटोला चित्तरंजन पार्क और बंगलुरु के टाउन हाल समेत देश के कुल 300 से अधिक स्थानों पर  बुधवार रात 11.55 बजे‘रात हमारी है’ आंदोलन के लिए महिलाएं और बालिकाएं जुटेंगी।

रिमझिम की बिंदास टिप्पणी – स्वप्रेरित इस नारी आंदोलन का वाम या राम वाले पंथ से कोई नाता नहीं

मेडिकल कॉलेज छात्रा के साथ हुई घटना के मामले में लगातार फजीहत का शिकार हो रही पश्चिम बंगाल की सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस सरकार बैकफुट पर है और अब सोशल मीडिया से हाइप पर आ चुके ‘रात हमारी है’ आंदोलन की प्रणेता रिमझिम सिंह की पहल को वाम या राम पंथ वालों से प्रेरित कहकर भी टिप्पणी की जा रही है।

इस पर भी रिमझिम ने अपने अंदाज में कहा कि ‘इस स्वप्रेरित आंदोलन को किसी सियासी चश्मे से ना देखा जाए। कोई इसमें अपना सियासी नफा-नुकसान ना ही तलाशे तो ठीक है। यह सीधे तौर पर नारी अस्रिमता से जुड़ा मामला है। नारी को अपनी आजादी की बात कहनी, करनी है और दिखानी है एवं उसी क्रम में एक पहल ने लोगों को एक मंच प्रदान किया है।

इसे किसी अन्य लिहाज से न लिया जाए’। इसी बारे में कोलकाता से प्रकाशित एक दैनिक को दिए साक्षात्कार में रिमझिम ने यह भी कहा कि ‘वह (ममता बनर्जी) महिला हैं और राजनीति में हैं। लेकिन राजनीति जिस तरह उनका पीएम नरेंद्र मोदी से विचार नहीं मिलते और जिस तरह के संबंध दिवगंत सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य से थे, तो वैसा ही संबंध उनसे (ममता बनर्जी) के सियासी विचारों के साथ मेरा भी है। अगर कभी ममता जी ने बुलाया तो मिलूंगी जरूर’।

https://youtube.com/22scope

Video thumbnail
पहलगाम हमले के विरोध में रांची में RJD का कैंडल मार्च, लोगों में दिखा आक्रोश | Ranchi | 22Scope
06:31
Video thumbnail
कोयलांचल की बड़ी खबरें। Dhanbad News। Jharia news। Jharkhand News।
05:34
Video thumbnail
आजसू नेत्री ज्योत्सना केरकेट्टा हुई CYBER BULLYING का शिकार। आरोपी गिरफ्तार
01:47
Video thumbnail
Chainpur में कृषि मेला सह कार्यशाला का विधिवत उद्घाटन, कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की हुए शामिल
04:40
Video thumbnail
रात 10 बजे की बड़ी ख़बरें | Jharkhand News | Today News | News@22SCOPE Big News | (24-04-2025)
12:25
Video thumbnail
पहलगाम में पर्यटकों पर हुए आतंकी हमले के विरोध में रांची में कैंडल मार्च, कई नेता हुए शामिल |22Scope
11:23
Video thumbnail
इंस्टाग्राम पर फर्जी वीडियो डालने वाला आरोपी धराया, आजसू युवा नेत्री ने थाना में की थी शिकायत
03:12
Video thumbnail
जयराम से बात कर फार्मेसी कॉउंसिल के कार्यकाल पूरे होने के बाद भी बने रहने पर देवेंद्र का बड़ा एलान
04:48
Video thumbnail
रांची: DC की अध्यक्षता में चौकीदार परीक्षा को लेकर बैठक, DD न्यूज का OTT प्लेटफॉर्म हुआ लॉन्च
03:08
Video thumbnail
आतंकी हमले की कहानी कश्मीरी पंडितों ने रो - रो कर बताई, दिल्ली में निकाला मार्च | Pahalgam Attack
10:53