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Ranchi : झारखंड में विपक्ष लगातार सरकार पर हमलावर है। सोमवार को बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रेस वार्ता कर हेमंत सोरेन सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि राज्य में भ्रष्टाचार का ऐसा जाल फैला है कि गरीबों और जरूरतमंदों के लिए आने वाला पैसा भी लूट लिया जा रहा है। बोकारो जिले में हुए डीएमएफटी (जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट) फंड घोटाले का उदाहरण देते हुए मरांडी ने कहा कि यह सिर्फ एक जिले की कहानी नहीं है, बल्कि पूरे राज्य में यही स्थिति है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कई क्षेत्रों में विकास के कार्य किये
मरांडी ने कहा कि 2014 में देश में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनी। उससे पहले मोदी 13 साल तक गुजरात के मुख्यमंत्री रहे और उन्होंने देश के कई राज्यों और अलग-अलग देशों का दौरा किया। इससे उन्हें विकास की असली जरूरतों और समस्याओं को करीब से समझने का अवसर मिला। उन्होंने कहा कि भारत के इतिहास में लोग कुछ खास कालखंडों को बेहतर मानते हैं-जैसे त्रेता युग का रामराज्य, जब भगवान राम ने आदर्श शासन की स्थापना की थी। द्वापर युग में भी पांडवों ने 12 साल का वनवास सहा और गुप्त काल को स्वर्ण युग कहा जाता है।
उन्होंने कहा कि इसी तरह आज देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कई क्षेत्रों में विकास के काम किए, लेकिन झारखंड में आज जो हालात हैं, उन्हें देखकर कहना पड़ता है कि यहां भ्रष्टाचार ने सारी हदें पार कर दी हैं।
631 करोड़ का घोटाला, जेनरेटर और मैट खरीद में भारी गड़बड़ी
मरांडी ने बोकारो जिले का उदाहरण देते हुए कहा कि वित्तीय वर्ष 2024-25 और 2025-26 में 631 करोड़ रुपये निकाले गए। इन पैसों को कई कंपनियों को दिया गया और इसका पूरा रिकॉर्ड 205 पेज के पीडीएफ दस्तावेज में मौजूद है। उन्होंने कहा कि जेनरेटर खरीदने के नाम पर भी पैसों का बंदरबांट किया गया।
मरांडी ने बताया कि बाजार में डिजिटल मैट की कीमत प्रति पीस लगभग 3,500 रुपये है, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड में इन मैट्स की कीमत लाखों रुपये प्रति मैट दिखाकर खरीदारी की गई। इस पर ही 19 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर दिए गए। इतना ही नहीं, पेंटिंग के नाम पर 39 करोड़ रुपये से ज्यादा का भुगतान किया गया। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक छोटे से घोटाले की बानगी है, जबकि असलियत इससे कहीं बड़ी है।
मुख्यमंत्री पर सीधे निशाना, कहा – डीएमएफटी फंड को एटीएम समझ रखा है
मरांडी ने आरोप लगाया कि इस तरह की लूट बिना मुख्यमंत्री की सहमति और मिलीभगत के संभव नहीं है। उन्होंने कहा,
“मुख्यमंत्री खुद इस घोटाले में शामिल हैं। यह पैसा सीधे मुख्यमंत्री की तिजोरी में जा रहा है। उन्होंने डीएमएफटी फंड को अपना एटीएम बना रखा है।”
मरांडी ने कहा कि डीएमएफटी फंड खासतौर पर गरीबों और खनन प्रभावित क्षेत्रों के विकास के लिए होता है, लेकिन यह पैसा जनता तक पहुंचने के बजाय भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रहा है। बोकारो की स्थिति सिर्फ एक उदाहरण है, यही हाल पूरे राज्य का है।
सीबीआई जांच की मांग और आंदोलन की चेतावनी
बीजेपी नेता ने साफ कहा कि राज्य की कोई भी जांच एजेंसी इस मामले की निष्पक्ष जांच नहीं कर सकती। इसलिए इस घोटाले की जांच सीबीआई से कराई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि जब तक इस घोटाले का पूरा सच सामने नहीं आएगा, तब तक बीजेपी चैन से नहीं बैठेगी।
मरांडी ने चेतावनी देते हुए कहा, “हम इस मुद्दे को सदन से लेकर सड़क तक उठाएंगे। गरीबों का पैसा लूटने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। जब तक दोषियों को सजा नहीं मिलती, तब तक हम लगातार संघर्ष करेंगे।”
प्रेस वार्ता के दौरान मरांडी ने कई दस्तावेज भी दिखाए और कहा कि यह प्रमाण हैं कि किस तरह से सरकारी पैसों की लूट की गई। उन्होंने जनता से भी अपील की कि इस लड़ाई में उनका साथ दें ताकि गरीबों और जरूरतमंदों के हक का पैसा उनके पास पहुंच सके।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में बीजेपी इस घोटाले के खिलाफ राज्यव्यापी आंदोलन करेगी। मरांडी ने हेमंत सरकार को चेतावनी दी कि अगर समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं हुई, तो जनता का गुस्सा सड़कों पर दिखाई देगा।
सौरव सिंह की रिपोर्ट–
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