Breaking : मोदी सरकार को भाया सीएम योगी का अधिकारी, केंद्रीय गृह मंत्रालय में दी तैनाती

आईएएस आंद्रा वामसी की फाइल फोटो

डिजीटल डेस्क : Breakingमोदी सरकार को भाया सीएम योगी का अधिकारी, केंद्रीय गृह मंत्रालय में दी तैनाती। राष्ट्रीय स्तर पर ब्यूरोक्रेसी में यूपी से एक अहम तैनाती हुई है।

बताया जा रहा ही यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ के लिए कसौटी पर खरे उतरने वाले चुनिंदा अधिकारियों में से एक को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने लिए चुना है और वह हैं आईएएएस आंद्रा वामसी। उन्होंने मोदी सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय में तत्काल प्रभाव से तैनाती दे दी है।

उन्हें केंद्रीय गृह राज्यमंत्री बी संजय कुमार का निजी सचिव बनाया गया है।  वर्ष 2011 बैच के इस आईएएस अधिकारी की नई तैनाती के बाबत आदेश भी जारी कर दिया गया है। केंद्र सरकार की ओर से यूपी के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को पत्र लिखकर अवगत करा दिया गया है।

बीते 7 सालों में यूपी के 15 से अधिक आईएएस को मिली केंद्रीय प्रतिनियुक्ति

यूपी के मुख्य सचिव को भेजे गए केंद्र सरकार के पत्रक के मुताबिक, आईएएस आंद्रा वामसी को अगले 5 साल के लिए इस पद पर तैनाती मिली है। बीते दिनों यूपी के दो अन्य आईएएस अधिकारियों को केंद्रीय प्रतिनियुक्ति के लिए हरी झंडी मिल गई थी। उसमें 2010 बैच के आईएएस के सुजीत कुमार और 2011 बैच के आंद्रा वामसी का नाम शामिल है।

आईएएस सुजीत कुमार को राष्ट्रीय लोकदल के मुखिया और केंद्रीय मंत्री जयंत चौधरी का निजी सचिव बनाया जा चुका है। इस तरह पिछले 7 सालों में अब तक यूपी के 15 से ज्यादा आईएएस अधिकारी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा चुके हैं। वर्ष 2011 बैच के आईएएस आंद्रा वामसी की छवि तेजतर्रार अफसर और ऑन स्पॉट फैसले लेने वाले अधिकारियों के तौर पर है।

बस्ती में बतौर डीएम आंद्रा वामसी ने 3 महीने में ही निपटाए 42 हजार जमीनी विवाद के मुकदमे

आईएएस आंद्रा वामसी इन दिनों बस्ती जिले मे तैनात हैं। उन्होंने राजस्व वाले जमीनी विवाद के मुकदमों के निस्तारण को लेकर एक ऐसी मिसाल कायम की है कि हर कोई उनकी तारीफ करते थक नहीं रहा है।

बतौर डीएम बस्ती में ज्वाइन करते ही उन्होंने राजस्व मुकदमों को एक चैलेंज के तौर पर लिया और कुछ दिनों के अंदर तहसीलों में चल रहे राजस्व संबंधित 42 हजार मुकदमों को निस्तारित कराकर एक रिकॉर्ड कायम किया।

डीएम अंद्रा वामसी ने जनपद की चारों तहसील के एसडीएम, एडीएम, मुख्य राजस्व अधिकारी, चकबंदी सहित प्रशासन के सभी कोर्ट को साफ तौर पर निर्देश जारी कर दिया था कि एक साल से पुराने सभी मुकदमों का निस्तारण तत्काल करना शुरू करें।

डीएम के आदेश के बाद अफसरों ने अपना काम ईमानदारी से करना शुरू कर दिया और 48 हजार फाइलो में से तीन महीने में 42 हजार मुकदमों का निपटारा किया गया।

बस्ती जिला कलेक्ट्रेट स्थित अपने कार्यालय में जमीनी विवाद की शिकायत लेकर पहुंचे ग्रामीण की फरियाद सुनते डीएम आंद्रा वामसी।
बस्ती जिला कलेक्ट्रेट स्थित अपने कार्यालय में जमीनी विवाद की शिकायत लेकर पहुंचे ग्रामीण की फरियाद सुनते डीएम आंद्रा वामसी।

अभी बस्ती में 18 हजार जमीनी विवादों के निस्तारण की प्रक्रिया जारी

बस्ती जिले में आंद्रा वामसी की पहल का नतीजा रहा कि इस समय नई और पुरानी फाइल मिलाकर 18250 केस सुनवाई में लगे हैंय़ डीएम का सख्त निर्देश है कि सभी पेंडिंग मुकदमों को जल्द से जल्द निस्तारित किया जाना है ताकि जिले में विवादों के मूल जड़ को खत्म किया जा सके।

डीएम आंद्रा वामसी ने बताया कि उनका लक्ष्य है कि प्रशासनिक न्यायालयों में जितने भी मुकदमे पिछले कई साल से विचाराधीन है उनकी हर रोज कोर्ट के माध्यम से सुनवाई जारी रहे और जल्द से जल्द उन मुकदमों का फैसला भी कर दिया जा रहा है।

अभी तक के आंकड़ों के अनुसार 48 हजार केस पंजीकृत है जिन पर सालों से तारीख पर तारीख लग रही थी। रैपिड सुनवाई का नतीजा बेहद ही आकर्षक रहा और 3 महीने में इस अभियान के तहत लोगों को तारीख से निजात मिली।

इस दौरान 42 हजार मुकदमे निस्तारित हो गए जिसका सीधा फायदा लाखों परिवारों को हुआ और गांव में पनपने वाले बेवजह से विवादों में कमी आई है।  कोर्ट में दर्ज आंकड़े बेहद ही संतोषजनक हैं और पुलिस व प्रशासन को काफी राहत भी मिली है।

आंद्रा का मॉडल पूरे यूपी में अपनाने की है तैयारी

बस्ती जिले में बतौर डीएम आंद्रा वामसी के पहल की सफलता के बाद प्रदेश की योगी सरकार ने इसे अन्य जिलों में अपनाने की जरूरत जाहिर की थी। सीएम योगी ने कहा भी था कि अब जरूरत है कि डीएम के इस मॉडल की शुरुवात पूरे प्रदेश में भी की जानी चाहिए ताकि बड़े बड़े विवाद की जड़ को हमेशा के लिए खत्म किया जा सके।

तेजी से मुकदमों के निस्तारण की अपनी इस पहल की सराहना पाने वाले आईएएस अधिकारी आंद्रा वामसी मूल रूप से आंध्र प्रदेश के रहने वाले हैं। आंद्रा वामसी ने साल 2006 में जवाहर लाल नेहरू इंजीनियरिंग कॉलेज से उर में बीटेक किया था। वे एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर काम भी कर चुके है।

उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास कर ली थी। वर्ष 2008 में आंद्रा वामसी ने इनकम टैक्स विभाग में असिस्टेंट कमिश्नर के पद पर काम किया। उसी नौकरी के दौरान ही देश की सबसे बड़ी परीक्षा यूपीएससी पास कर आईएएस बन गए थे।

आंद्रा वामसी अभी तक के अपने कार्यकाल में लखनऊ में कौशल विकास मिशन के डॉयरेक्टर पद के साथ ही बस्ती डीएम समेत अन्य कई महत्वपूर्ण पदों की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं।

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