जनार्दन सिंह की रिपोर्ट
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डिजीटल डेस्क : Breaking – गोरखपुर का गुणगान कर बोले उपराष्ट्रपति – राष्ट्रवाद से समझौता चरम धोखा। गोरखपुर पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को 176 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल का लोकार्पण किया।
फिर अपने संबोधन में उन्होंने बिना किसी दल का नाम लिए उन सभी को आड़े हाथ लिया जिन्होंने गत दिनों देश में बांग्लादेश सरीखे हालात होने के बयान दिए थे।
गोरखपुर की माटी को नमन करने एवं गोरखपुर का गुणगान करने के बाद अपने संबोधन में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि – ‘यह आज का भारत है। यदि हम राष्ट्रवाद से समझौता करेंगे तो राष्ट्र के साथ चरम धोखा होगा।
जो लोग ऐसा कर रहे हैं, आवश्यकता है उनको समझाने की। वर्ना जनता को उनपर आध्यात्मिक प्रतिघात करना पड़ेगा। कैसे कोई कल्पना कर सकता है आजाद भारत में कि जहां प्रजातंत्र जीवंत है वहां पड़ोसी देश जैसे हालात हो सकते हैं। नहीं कर सकता।
जहां भी कोई राष्ट्र पर प्रश्न चिन्ह उठाता है, हमें बर्दाश्त नहीं करना है। मैं निश्चित मानता हूं कि ऐसा नहीं होगा’।
उपराष्ट्रपति – राष्ट्र धर्म को राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर रखें
उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में आगे कहा कि ‘हम भारतीय हैं। भारतीयता हमारी पहचान है। राष्ट्र हमारा धर्म है। राष्ट्र के प्रति हमारा समर्पण पूर्ण है। हमें निजी स्वार्थ और राजनीतिक स्वार्थ से ऊपर राष्ट्र धर्म को रखना पड़ेगा।
यदि इसमें कमजोरी आती है तो हजारों साल की संस्कृति के प्रति हम कुठाराघात करेंगे क्योंकि आज का भारत 10 वर्ष पहले का भारत नहीं है।
केंद्र में मंत्री रहते हुए मैंने देखा है कि सोने की चिड़िया कहलाने वाले देश का सोना हवाई जहाज से स्विटजरलैंड के दो बैंकों में गिरवी रखा गया ताकि हमारी साख बने क्योंकि तब हमारा फॉरेन एक्स्चेंज 1 और 2 बिलियन यूएस डालर के बीच का था जो कि आज 680 बिलियन से ज्यादा है। कहां आ गए हम।
मंत्री की हैसियत से जब कश्मीर गया 1990 में, श्रीनगर में कोई दिखाई नहीं दिया। उस जम्मू-कश्मीर में पिछले 2-3 साल से हर साल 2 करोड़ से ज्यादा पर्यटक जा रहे हैं। जिस अनुच्छेद 370 को संविधान निर्माताओं ने अस्थायी कहा, कुछ लोग वहम उसको स्थायी मान बैठे। इस दशक में उसको विलोप्त कर दिया गया।
आज के दिन आवश्यकता है वैचारिक दृढ़ता की, मूल चिंतन के प्रतिबद्धता की और राष्ट्र भावना के प्रसारण की। तीनों बातें ओजस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी में हैं जो गत दशक से देश को ऐसे प्रगति के रास्ते पर ले जा रहे हैं कि पूरी दुनिया हतप्रभ है। दुनिया में भारत की पहचान आज अलग है। इसमें उत्तर प्रदेश की भागीदारी 2017 के बाद गुणात्मक है’।
उपराष्ट्रपति बोले – 2017 से पहले डर की चपेट में था उत्तर प्रदेश
इसी क्रम में यूपी में बीते कुछ सालो में आए बदलाव की भी उपराष्ट्रपति ने अपने संबोधन में चर्चा की। कहा कि ‘देश का सबसे बड़ा प्रदेश 2017 से पहले डर की चपेट में था। शासन शिथिल था। आम आदमी परेशान था। कानून का राज नजर नहीं आता था।
आपने (सीएम योगी ने) यह ख्याति अर्जित की है। देश में जो विकास की गंगा बह रही है, उसमें आपने (सीएम योगी ने) उत्तर प्रदेश की भागीदारी निरंतरता से की है। ये राष्ट्र निर्माण में बहुत बड़ा योगदान है।
उत्तर प्रदेश में कई नई शुरूआत हुई है जिसकी चर्चा मैं यहां नहीं करूंगा लेकिन वह लोगों के दिलों में है, पूरे देश में है’।

उपराष्ट्रपति बोले – योगी जी की हर बात असाधारण, गीता प्रेस की गूंज चहुंओर
इससे पहले अपने संबोधन के क्रम में उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने गोरखपुर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खूबियों की विस्तार जिक्र किया। बोले कि, ‘वैसे तो माननीय योगी जी की हर बात असाधारण है। आपने वैसे कई रिकार्ड बनाए हैं।
3 दशक पहले 1994 की बसंत पचंमी को गोरखपुर में एक बहुत महत्वपूर्ण घटना घटी। उसका असर इस प्रांत पर सुचारू रूप से पड़ रहा है। उस दिन स्व. श्रद्धेय महंत अवैद्यनाथ महाराज ने आज के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी जी को उत्तराधिकारी घोषित किया था।
आपके मुख्यमंत्री दो दशक तक लोकसभा में आपकी आवाज को बुलंद किया। कई मौकों पर देश को लोकसभा में संदेश दिया। अब उत्तर प्रदेश में उसी भूमिका को सशक्त तरीके से निभा रहे हैं। मात्र 3 वर्ष में मुख्यमंत्री ने यहां सैनिक स्कूल के निर्माण का इतना चमत्कारिक काम कर दिखाया है।
उत्तर प्रदेश में आपकी (सीएम योगी की) सफलता की गूंज सब जगह है। मैं इस भूमि (गोरखपुर) को नमन करता हूं। यह भूमि नाथ परंपरा और गुरू गोरखनाथ से जुड़ी हुई है। आध्यात्मिक केंद्र है। इसकी ऐतिहासिक पृष्ठभूमि है।
गोरखपुर में राजस्थान का भी योगदान है। मुख्यमंत्री के दादा गुरू दिग्विजयनाथ और हनुमान प्रसाद पोद्दार राजस्थान से ही थे। गोरखपुर के गीता प्रेस की गूंज देश के कोने-कोने में है। पूर्वांचल बहुत महत्वपूर्ण अंग है उत्तर प्रदेश का’।
बच्चों को उपराष्ट्रपति की सीख – डर को अपने मन से निकाल दो
अपने संबोधन के आखिर में उपराष्ट्रपति ने कार्यक्रम में मौजूद छात्र-छात्राओं को सीधे संबोधित किया। कहा कि बच्चों, ‘डर का डर अपने मन से निकाल दो। इसका कोई आधार नहीं होता, सिर्फ कल्पनीय होता है। डरोगे तो प्रतिभा कुंठित होगी।
दूसरा कि असफलता से बिल्कुल भी मत डरिए। असफलता सफलता का शुरूआत केंद्र है। याद कीजिए चंद्रयान 2। पूर्ण सफल नहीं हुआ पर चंद्रयान-3 23 अगस्त 2023 को चांद की सतह पर उतरा और तिरंगा फहराया। खासकर छात्राओं, आप उन गिने-चुने लोगों में हो जिन्हें इस प्रकार की शिक्षा मिल रहा है। इसका लाभ समाज को मिलेगा’।
सीएम योगी ने बताई पूर्वांचल में खुले पहले सैनिक स्कूल की खूबियां
इससे पहले अपने स्वागत संबोधन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नवनिर्मित सैनिक स्कूल के बारे में विस्तार जानकारी दी। कहा कि, ‘आज ऐसे गोरखपुर में उपराष्ट्रपति का आगमन, गोरखपुर में सैनिक स्कूल का शुभारंभ हमारी वर्तमान पीढ़ी को और देश के उज्जवल भविष्य को आगे बढ़ाने में एक महती भूमिका का निर्वहन करने जा रहा है।
इस दृष्टि से आज गोरखपुरवासियों को अपने देश के उपराष्ट्रपति के स्वागत का अवसर प्राप्त हुआ है। इस अवसर में गोरखपुर में आज उनकी जो कृपापूर्ण उपस्थिति हुई है, इसके लिए उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से, जनता जनार्दन की ओर से और सैनिक स्कूल परिवार की ओर से स्वागत और अभिनंदन करता हूं।
यह सैनिक स्कूल इस पावन प्रांगण में करीब 50 एकड़ क्षेत्रफल में स्थापित किया गया है। इस सैनिक स्कूल में देश के पहले सीडीएस जनरल विपिन रावत के नाम पर 1000 सीटों की आडिटोरियम का निर्माण कार्य संपन्न हुआ है। कारगिल के शहीद कैप्टन बत्रा के नाम पर मल्टीपरपज हाल के साथ ही यहां एकलव्य शूटिंग रेंज भी है।
साथ-साथ अत्याधुनिक स्वीमिंग पूल भी यहां पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को प्रैक्टिस के लिए उपलब्ध कराया गया है। राइडिंग की भी सुविधा रहेगी और साथ-साथ यहां पर छात्रावास भी सिक्स्थ और नाइन्थ क्लास में बच्चों के प्रवेश के साथ स्कूल का शुभारंभ हुआ है’।

सीएम योगी बोले – यूपी के और 57 जनपदों में खुलेंगे आवासीय विद्यालय
इसी क्रम में सीएम योगी ने आगे कहा कि ‘आज का दिन हमारे लिए महत्वपूर्ण इसलिए भी है कि जब शिक्षा के क्षेत्र में नए कार्यक्रम बढ़ाने की दिशा में हमलोग आगे बढ़े हैं, मैं उपराष्ट्रपित जी के संज्ञान में इस बात को लाना चाहूंगा कि देश की आबादी का सबसे बड़ा राज्य होने के नाते अकेले बेसिक शिक्षा परिषद के अंदर हमारे पास उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा संचालित 1 लाख 56 हजार से अधिक स्कूल मौजूद हैं।
इन स्कूलों में 2017 के पहले बुनियादी सुविधाओं का अभाव देखा जाता था। हम लोगों ने 2017 में सरकार में आने के बाद जनसभागिता से ऑपरेशन कायाकल्प शुरू किया और अब तक 1 लाख 34 हजार स्कूलों को बुनियादी सुविधाओं से आच्छादित करने में सफलता प्राप्त की है।
प्रदेश के अंदर निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए और कोविड कालखंड के दौरान निऱाश्रित हुए बच्चों के लिए अत्याधुनिक सुविधा से युक्त स्कूल बने, इंटीग्रेटेड कांप्लेक्स बने ऐसे 18 आवासीय विद्यालय हमने पहले चरण में कमिश्नरी हेडक्वार्टर पर गत सत्र में प्रारंभ किए हैं।
ये आवासीय (रेजीडेंशियल) विद्यालय हैं। ये सफलता पूर्वक संचालित हुए हैं। अब उन्हीं को हम आगे बढ़ाते हुए 57 अन्य जनपदों में भी इस कार्यक्रम को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं।
प्रदेश के अंदर पीएमश्री के रूप में 1707 विद्यालय (बेसिक और माध्यमिक मिलाकर) को भी बेहतरीन सुविधाओं से सुसज्जित करके आगे बढ़ाने का कार्य किया गया है। साथ ही प्रदेश में जितने सीनियर सेकेंडरी लेवल के विद्यालय हैं (राजकीय और एडेड), उनको को बेहतर बुनियादी सुविधाओं से सुसज्जित करके नई पीढ़ी को उत्तम शिक्षा मुहैया कराने का प्रयास प्रारंभ हुआ है।
यह सैनिक स्कूल इसी परंपरा का एक नया महत्वपूर्ण प्रकल्प है। देश का पहला सैनिक स्कूल 1960 में उत्तर प्रदेश में तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. संपूर्णानंद ने लखनऊ में स्थापित किया था। उसके बाद 1961 में तत्कालीन रक्षा मंत्री ने देश में 5 सैनिक स्कूल प्रारंभ किया था।
यह गौरव की बात है कि उन्हीं पांच में से एक सैनिक स्कूल चित्तौड़गढ़ के छात्र रहे और अब हमारे उपराष्ट्रपति महामहिम जगदीप धनखड़ आज गोरखपुर के सैनिक स्कूल का लोकार्पण करने पहुंचे हैं’।
कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति की पत्नी डॉ. सुदेश धनखड़, केंद्रीय मंत्री कमलेश पासवान, माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी, बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह, सांसद रवि किशन शुक्ला, जिला पंचायत अध्यक्ष साधना सिंह, महापौर डॉ. मंगलेश श्रीवास्तव, डॉ. विमलेश पासवान, श्रवण निषाद आदि मौजूद रहे।