लंदन : ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है.
स्काई न्यूज़ के मुताबिक उन्होंने इस्तीफा दे दिया है,
लेकिन बीबीसी और न्यूज एजेंसी रॉयटर्स का कहना है कि
अभी जॉनसन पद छोड़ने को तैयार हुए हैं और आज इस्तीफा दे सकते हैं.
वहीं बताया जाता है कि सैक्स स्कैंडल के कारण बोरिस जॉनसन की कुर्सी चली गई.
अब तक 41 मंत्रियों ने दिया इस्तीफा
ब्रिटेन में बोरिस जॉनसन की कैबिनेट में शामिल अब तक 41 मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया.
इसके बाद पीएम जॉनसन पर भी कुर्सी छोड़ने को लेकर दबाव काफी बढ़ गया था.
पिछले एक महीने में ये दूसरी बार है जब बोरिस जॉनसन की कुर्सी पर संकट मंडराया.
खास बात ये है कि कई ऐसे मंत्रियों ने इस्तीफा दिया है
जो पहले कभी जॉनसन के कट्टर समर्थक रहे हैं.
पिछली बार ऋषि सुनक और साजिद जाविद ने सरकार बचाने में
अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन वो भी पीएम जॉनसन का साथ छोड़ चुके हैं.
वित्त मंत्री ऋषि सुनक के इस्तीफे से शुरू हुआ संकट
बोरिस जॉनसन की कुर्सी पर संकट वित्त मंत्री ऋषि सुनक के इस्तीफे से शुरू हुआ था. उन्होंने 5 जुलाई को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. उनके कुछ देर बाद ही स्वास्थ्य मंत्री साजिद जाविद ने भी इस्तीफा दे दिया था. अब तक चार कैबिनेट मंत्री मंत्री इस्तीफा दे चुके हैं. इनमें ऋषि सुनक और साजिद जाविद के अलावा साइमन हार्ट और ब्रैंडन लुईस ने भी इस्तीफा दे दिया था.
बगावत का ये है वजह
बोरिस जॉनसन के खिलाफ बगावत क्रिस पिंचर की नियुक्ति को लेकर हुई थी. इसी साल फरवरी में जॉनसन ने क्रिस पिंचर को कंजर्वेटिव पार्टी का डिप्टी चीफ व्हिप नियुक्त किया था. 30 जून को ब्रिटिश अखबार ‘द सन’ ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि क्रिस पिंचर ने लंदन के एक क्लब में दो युवकों को आपत्तिजनक तरीके से छुआ था. पिंचर पर पहले भी यौन दुराचार के आरोप लगते रहे हैं.
‘क्रिस पिंचर पर लगे आरोपों की जॉनसन को थी जानकारी’
द सन की रिपोर्ट आने के बाद क्रिस पिंचर ने डिप्टी चीफ व्हिप के पद से इस्तीफा दे दिया था. हालांकि, उनकी ही पार्टी के सांसदों का कहना था कि जॉनसन को उनके ऊपर लगे आरोपों की जानकारी थी, उसके बाद भी उन्हें नियुक्त किया गया. वहीं, 1 जुलाई को सरकार के प्रवक्ता ने कहा था कि प्रधानमंत्री जॉनसन को इन आरोपों की जानकारी नहीं थी. लेकिन 4 जुलाई को फिर सरकारी प्रवक्ता ने कहा कि जॉनसन को पिंचर पर लगे आरोपों की जानकारी थी, लेकिन इसके लिए नियुक्ति न करना सही नहीं समझा, क्योंकि आरोप अभी तक साबित नहीं हुए थे.
5 जुलाई को ऋषि सुनक ने सबसे पहले इस्तीफा दिया था. उन्होंने अपने इस्तीफे में लिखा था कि लोगों को उम्मीद होती है कि सरकार ठीक तरह से काम करे. वहीं, साजिद जाविद ने अपने इस्तीफे में लिखा था कि सरकार राष्ट्र हित में काम नहीं कर रही है.