डिजिटल डेस्क : सिडनी में बुमराह बने प्लेयर ऑफ द सीरीज। सिडनी टेस्ट में रविवार को तीसरे दिन टीम इंडिया मैच हारने के साथ ही सीरीज भी गंवा बैठी एवं टेस्ट क्रिकेट में इसकी बादशाहत भी खत्म हो गई लेकिन अपनी उम्दा गेंदबाजी के बदलौत भारतीय उपकप्तान जसप्रीत बुमराह प्लेयर ऑफ द सीरीज चुने गए।
सीरीज के आखिरी मैच के दौरान टीम इंडिया को जसप्रीत बुमराह के रूप में दूसरे दिन बीते शनिवार को उस समय झटका लगा था जब पहले सेशन की गेंदबाजी के बाद वह चोटिल होने के चलते बाहर हो गए थे।
उसके बाद बुमराह ने मैदान छोड़ दिया था। रविवार को मैच के समापन के बाद पुरस्कार वितरण समारोह में जसप्रीत बुमराह ने कुछ अहम बिंदुओं पर अपनी बात खुलकर रखी। बुमराह का प्रदर्शन इस सीरीज में शानदार रहा है।
सिडनी में सीरीज के समापन पर बोले बुमराह – …यह निराशाजनक रहा
जसप्रीत बुमराह ने सिडनी में मैच के बाद कहा कि –‘ …यह काफी निराशाजनक है, लेकिन कई बार आपको शरीर का सम्मान करना होता है और आप इससे लड़ नहीं सकते। सीरीज के कठिन पिच पर गेंदबाजी नहीं कर पाने का मलाल है। पहली पारी के दौरान मुझे थोड़ी दिक्कत हुई थी। …सुबह इस बारे में चर्चा हुई कि खुद को कितना भरोसा है’।
सीरीज के दौरान कई उतार-चढ़ाव आए और यह कठिन चुनौती रही। हम आज भी मैच में थे और ऐसा नहीं था कि हमारी कोई उम्मीद नहीं बची थी क्योंकि टेस्ट क्रिकेट ऐसा ही होता है। लंबे समय तक मैच में रहना, दबाव बनाना और इस स्थिति में खेलना, सभी महत्वपूर्ण है। आपको परिस्थिति में ढलना होता है और भविष्य में यह चीजें मददगार होती हैं’।
बोले जसप्रीत बुमराह – ‘नीतीश-हर्षित को इस अनुभव का फायदा मिलेगा’
इसी क्रम में जसप्रीत बुमराह ने आगे कहा कि – ‘ऑस्ट्रेलिया में खेलने का अनुभव नीतीश रेड्डी और हर्षित राणा जैसे युवा खिलाड़ियों की भविष्य में मदद करेगा। इन युवा खिलाड़ियों को काफी अनुभव मिला। इन्होंने दिखाया कि हमारी टीम में कितनी प्रतिभा है।
…कई युवा खिलाड़ियों में जज्बा है और वे निराश हैं कि हम नहीं जीत सके, लेकिन उन्हें इस अनुभव से सीख मिलेगी। यह अच्छी सीरीज थी। ऑस्ट्रेलिया को बधाई जिन्होंने शानदार खेल का प्रदर्शन किया’।
सिडनी की दूसरी पारी में गेंदबाजी न कर पाने का बुमराह को मलाल लेकिन चोट के बारे में टाल गए…
भारतीय टीम के स्टार तेज गेंदबाज और रोहित शर्मा की जगह सिडनी टेस्ट में भारत की कमान संभालने वाले जसप्रीत बुमराह का दूसरी पारी में गेंदबाजी नहीं करने पर दर्द छलका। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मौजूदा बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 32 विकेट झटकने वाले बुमराह सिडनी टेस्ट के दूसरे दिन पीठ में जकड़न के कारण मैच के बीच से बाहर चले गए थे और उन्होंने अस्पताल जाकर स्कैन कराया था।
बुमराह की चोट कितनी गंभीर है इसका पता फिलहाल नहीं चल सका है और बुमराह पांचवें टेस्ट के तीसरे दिन मैदान पर भी नहीं उतरे थे। बताया जा रहा है कि बुमराह को बैक स्पाज्म (कमर की मांसपेशियों में अकड़न) की समस्या के बाद स्कैन के लिए अस्पताल ले जाया गया था।
उसके बाद बुमराह ने मैदान पर वापसी नहीं की। हालांकि पूरे मामले को देखते हुए चर्चा उठने लगी है कि बुमराह की चोट की जिम्मेदार कहीं टीम इंडिया तो नहीं है? कहीं टीम इंडिया बुमराह का करियर तो खतरे में नहीं डाल रही है?
पहले भी कई बार चोटिल हुए हैं बुमराह, कभी कंधे कभी पेट में लगी चोट…
जसप्रीत बुमराह इस समय दुनिया के नंबर 1 टेस्ट बॉलर हैं। उन पर हर मैच और हर परिस्थिति में बेहतर से बेहतर प्रदर्शन करने का जिम्मा होता है जिसे वे बखूबी निभाते भी हैं। हालांकि ज्यादा खेलने और ज्यादा वर्कलोड के चलते बुमराह पहली भी कई बार चोटिल हो चुके हैं। साल 2023 में बुमराह श्रीलंका के खिलाफ वनडे सीरीज नहीं खेल पाए थे तब उन्हें पीठ में तकलीफ का सामना करना पड़ा था।
इतना ही नहीं उन्होंने 2023 का वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप फाइनल भी नहीं खेला था। उससे पहले बुमराह को चोट (पीठ के निचले हिस्से में अकड़न) के चलते 2022 के एशिया कप और टी-20 वर्ल्डकप से भी बाहर होना पड़ा था। उससे पहले भारतीय गेंदबाज को 2021 में ऑस्ट्रेलियाई दौरे पर एब्डॉमिनल स्ट्रेन (पेट की मांसपेशियों में खिंचाव) का सामना करना पड़ा था।
तब उन्होंने गाबा टेस्ट नहीं खेला था । सितंबर 2019 में भी बुमराह को चोट लगी थी। तब बुमराह को पहली बार स्पोंडिलोलिसिस (पीठ में स्ट्रेस फ्रैक्चर) की शिकायत हुई थी। इसके चलते उन्हें बांग्लादेश और साउथ अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज से बाहर होना पड़ा था। बुमराह मार्च 2019 में आईपीएल में गेंदबाजी के दौरान भी चोटिल हुए थे तब उन्हें कंधे में चोट लगी थी लेकिन चोट मामूली थी और बुमराह ने तुरंत वापसी कर ली थी।
बता दें कि बुमराह अभी भारतीय टेस्ट टीम के उपकप्तान हैं> रोहित शर्मा के सिडनी टेस्ट में ना खेलने के चलते कप्तानी की जिम्मेदारी उन्होंने संभाली> हालांकि वे चोटिल हो गए> आने वाले समय में भी माना जा रहा है कि रोहित शर्मा के बाद बुमराह ही टीम की कमान संभालेंगे ।
ऐसे में ये तय है कि बुमराह को हर मैच खेलना होगा। पहले से ही उन पर तेज गेंदबाजी का दारोमदार है और कप्तान बनने पर उनका वर्कलोड भी बढ़ जाएगा। इसके चलते बुमराह के चोटिल होने के चांसेस भी बढ़ जाएंगे जो कि उनके और टीम इंडिया, दोनों के लिए ही एक बड़ा खतरा साबित हो सकता है।