साहिबगंज: सीबीआई की टीम गुरुवार सुबह साहिबगंज जिले में अवैध खनन की जांच करने के लिए वनांचल एक्सप्रेस से पहुंची। इस मामले के बारे में डीसी को पहले ही सूचना दी गई थी। इस जांच के अंतर्गत, सीबीआई अवैध खनन और परिवहन संबंधित मामलों की जांच करेगी। इसका पिछला आदेश 18 अगस्त को झारखंड हाइकोर्ट ने जारी किया था, जिसमें सीबीआई को इस मामले की प्रारंभिक जांच करने का आदेश था।
उसके साथ ही, अदालत ने विजय हांसदा के द्वारा झूठे दावों के साथ अपनी याचिका वापस लेने की भी जांच करने का आदेश दिया है। उपन्यायाधीश संजय कुमार द्विवेदी ने 17 अगस्त को विजय हांसदा की ओर से दायर याचिका को खारिज कर दिया था, लेकिन याचिका को वापस कराने की कोशिश में पर्दे के पीछे किसी के होने की आशंका जताई गई थी।
साहेबगंज के नींबू पहाड़ पर अवैध खनन के परिणामस्वरूप ग्रामीणों के घरों में नुकसान पहुंच रहा था, जिसके परिणामस्वरूप विजय हांसदा ने 2022 में अवैध खनन बंद करने की अपील की थी। इसके बाद, विजय हांसदा ने थाना में अवैध खनन करने और जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करने के आरोप में कई लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज की। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पंकज मिश्रा राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विधायक हैं, जिसके चलते वे अपनी राजनीतिक शक्तियों का इस्तेमाल करते हैं।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने साहिबगंज में अवैध खनन की जांच शुरू की थी और हांसदा को समन भी जारी किया था। इसके बाद, हांसदा ने साहिबगंज में हो रहे अवैध खनन और शामिल लोगों के बारे में विस्तृत जानकारी दी और अपना बयान दर्ज कराया। उसके बाद, हांसदा के खिलाफ बोरियो थाना में एक प्राथमिकी (286/2022) दर्ज की गई और उसे जेल भेज दिया गया। हांसदा ने जेल से ही हाइकोर्ट में एक रिट याचिका (सीआर. 665/2022) दायर की और पुलिस जांच पर संदेह व्यक्त करते हुए स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की अपील की।