रांची : बहुचर्चित रूपा तिर्की मौत मामले की जांच अब सीबीआई करेगी । झारखंड हाईकोर्ट इस फैसले के साथ ही एक मरहूम बिटिया के पिता ने इंसाफ की लड़ाई में पहली जीत हासिल की है। हालांकि इंसाफ की उनकी ये लड़ाई अभी शुरू हुई है जो न तो आसान है और न ही छोटी, लेकिन अदालत के एक फैसले ने उस पिता को बड़ा हौसला दे दिया है जो अपनी बेटी को खो चुका है और उसे इंसाफ दिलाने के लिए सिस्टम से जूझ रहा है।
रूपा तिर्की साहेबगंज महिला थाना में सब इंस्पेक्टर के पद पर तैनात थी । तीन मई 2021 को रूपा की संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई थी। पुलिस ने इसे आत्महत्या मानकर मामला दर्ज किया लेकिन उसके परिवार वाले इसे हत्या बताते हुए सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। राज्य सरकार ने उनकी मांग को नहीं माना जिसके बाद रूपा के पिता देवानंद उरांव ने हाईकोर्ट में अपील की थी। अब हाईकोर्ट ने उनकी अपील को स्वीकारते हुए सीबीआई से मामले की जांच का आदेश दिया है।
हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद राजनैतिक प्रतिक्रियाएं भी आई हैं। बीजेपी महिला मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष आरती कुजूर ने कहा है कि अब रूपा तिर्की को इंसाफ मिलेगा। उन्होने कहा कि सरकार और प्रशासन इस मामले को आत्महत्या का रुप देने में जुटा था जबकि परिजन लगातार हत्या की बात कहते रहे हैं। बीजेपी विधायक और पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश प्रमुख अमर बाउरी ने कहा है कि रूपा तिर्की मामले में अगर सरकार की मंशा साफ होती तो हत्यारे अबतक सलाखों के पीछे होते ।
बीजेपी के सांसद और पार्टी के झारखंड प्रभारी दिलीप सैकिया ने कहा है कि राज्य में कानून व्यवस्था खत्म हो चुकी है। उग्रवाद और अपराधी लगाम हो चुके हैं। उन्होने कहा कि एसआई रुपा तिर्की मौत मामले में हाईकोर्ट ने जो फैसला दिया है उसके बाद हेमंत सोरेन सरकार को चिंतन करने की जरूरत है।
वहीं सरकार में शामिल कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि अदालत का सम्मान करते हैं । पार्टी अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि रूपा तिर्की के परिजनों को न्याय मिले और दोषियों को बख्शा नहीं जाए । लेकिन इसके साथ ही कांग्रेस अध्यक्ष ने सीबीआई की क्षमता पर भी सवाल खड़े कर दिए…उन्होने कहा कि धनबाद में जज उत्तम आनंद मौत मामले में राज्य सरकार ने सीबीआई को जांच सौंप दिया लेकिन अदालत जांच एजेंसी के परफॉर्मेंस से खुश नहीं है।
एसआई रूपा तिर्की मौत मामले पर लगातार राजनीति होती रही है। अब हाई कोर्ट का एक फैसला आया है तो राजनैतिक पार्टियां संभलकर मुंह खोल रही है…लेकिन विपक्ष को सरकार को घेरने एक मौका जरूर मिल गया है ।
रिपोर्ट : मदन सिंह/प्रोजेश