रांची : केंद्र सरकार और एनबीसीसी को हाईकोर्ट से मिला नोटिस- झारखंड हाई कोर्ट में
नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (NBCC) से जुड़े मामले पर
चीफ जस्टिस डॉक्टर रवि रंजन और जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में सुनवाई हुई.
प्रार्थी पंकज कुमार यादव की ओर से याचिका में कहा गया कि
एम्स दिल्ली के सामने एक बिल्डिंग को तोड़ने के लिए एक टेंडर निकाला गया था.
जिसे एनबीसीसी के चेयरमैन अनूप मित्तल ने अपने चहेतों को कॉन्ट्रैक्ट दे दिया.
इसकी जानकारी आरटीआई द्वारा मांगे जाने पर भी कोई जानकारी उपलब्ध नहीं कराया गया.
नियमानुसार बिल्डिंग तोड़ने के एवज में कांट्रेक्टर से पैसे लेने थे लेकिन कांट्रेक्टर को ही पैसे दिए गए.
इसी मामले को लेकर सुनवाई के दौरान अदालत ने केंद्र सरकार और एनबीसीसी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया है.
गौरतलब है कि 2018 में नौरोजीनगर में एम्स के सामने एक पुराने बिल्डिंग को तोड़ने के लिए NBCC के द्वारा एक टेंडर निकाला गया था, जिसमें कॉन्ट्रेक्टर को बिल्डिंग तोड़ने के एवज में सरकार को पैसे देने थे. क्योंकि इससे करोड़ों का मटेरियल निकल रहा था, जो कि कॉन्ट्रेक्टर का हो जाता. लेकिन एनबीसीसी के चेयरमैन अनुप मित्तल ने अपने चहेते कॉन्ट्रेक्टर को ही यह ठेका दे दिया, और साथ में बिल्डिंग तोड़ने के एवज में एनबीसीसी के द्वारा उसे भुगतान भी किया गया. जबकि एनबीसीसी को ही पैसे लेने थे.
यह मामला करोड़ों का है. इस मामले में आरटीआई करने वाला 600 रुपए जमा करके इसकी जानकारी मांगी थी, लेकिन एनबीसीसी के चेयरमैन के द्वारा कोई जानकारी नहीं दी गई.
रिपोर्ट : प्रोजेश दास