रांची: Chandrayaan-3 की लॉन्चिंग के लिए काउंटडाउन शुरू हो चुका है. चंद्रयान- 3 शुक्रवार की दोपहर 2:35 बजे चंद्रमा की ओर उड़ान भरेगा.
ये मिशन करीब 50 दिन की यात्रा के बाद चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग करेगा. लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 2 से होगी. इसको चंद्रमा पर भेजने के लिए LVM-3 लॉन्चर का इस्तेमाल किया जा रहा है.
चंद्रयान-3 मिशन साल 2019 में भेजे गए चंद्रयान-2 मिशन का फॉलोअप मिशन है. इसमें लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग और रोवर को सतह पर चलाकर देखा जाएगा. हालांकि लैंडर को चांद की सतह पर उतारना सबसे कठिन काम है.
2019 में चंद्रयान-2 के विक्रम लैंडर की हार्ड लैंडिंग की वजह से मिशन खराब हो गया था. चंद्रयान-3 के लैंडर के थ्रस्टर्स में बदलाव किया गया है. सेंसर्स ज्यादा संवेदनशील लगाए गए हैं. लैंडिंग के समय वैज्ञानिकों की सांसें थमी रहेंगी.
दरअसल, चंद्रयान-3 में इस बार ऑर्बिटर नहीं भेजा जा रहा है. इस बार स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल भेज रहे हैं. यह लैंडर और रोवर को चंद्रमा की कक्षा तक लेकर जाएगा.
इसके बाद यह चंद्रमा के चारों तरफ 100 किलोमीटर की गोलाकार कक्षा में चक्कर लगाता रहेगा. इसे ऑर्बिटर इसलिए नहीं बुलाते क्योंकि यह चंद्रमा की स्टडी नहीं करेगा. इसका वजन 2145.01 किलोग्राम होगा, जिसमें 1696.39 किलोग्राम ईंधन होगा. यानी मॉड्यूल का असली वजन 448.62 किलोग्राम है.