मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन बोले- ‘औद्योगिक संस्थानों को 75 प्रतिशत नौकरियां स्थानीयों को देनी होगी’

औद्योगिक संस्थानों में 75 प्रतिशत नौकरी स्थानीयों को देनी होगी

रांची. मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने आज सरायकेला-खरसावां के गम्हरिया प्रखंड स्थित अपने पैत्रिक गांव जिलिंगगोड़ा में मीडिया को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि झारखंड को अगर आगे ले जाना है तो यहां की सामाजिक-आर्थिक-शैक्षणिक और स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत करना होगा। साथ ही सीएम चंपाई सोरेन ने कहा कि औद्योगिक संस्थानों में 75 प्रतिशत नौकरी स्थानीयों को देने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए कानून का हर हाल में पालन करना होगा।

औद्योगिक संस्थानों में 75 प्रतिशत नौकरी स्थानीयों को

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के सभी औद्योगिक क्षेत्रों में बिजली-पानी, सड़क समेत तमाम आधारभूत संरचनाओं को मजबूत किया जाएगा। यहां औद्योगिक समूहों को सरकार की ओर से कई रियायत तथा सुविधाएं दी जाएंगी, लेकिन तमाम कंपनियों और संस्थानों को यह सुनिश्चित करना होगा कि स्थानीयों को 75 प्रतिशत नौकरी देनी होगी। सरकार ने इसको लेकर जो कानून बनाया है, उसे हर हाल में पालन करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि युवाओं को रोजगार देने के लिए सरकार समुचित कदम उठा रही है।

इस दौरान उन्होंने कहा कि राज्य की बुनियादी ढांचा को मजबूत करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने चार वर्षों के कार्यकाल में विकास और जनकल्याण के लिए जो नीतियां और योजनाएं बनाई, उसे और प्रभावी एवं बेहतर ढंग से धरातल पर उतारने का काम करेंगे।

फ्लाईओवर बनाने का काम तेज से चल रहा- मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन

मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि हेमंत जी ने सत्ता संभाली ही थी कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने झारखंड समेत पूरी दुनिया को अपनी चपेट में ले लिया। 2 वर्ष तो सिर्फ कोरोना से जंग में ही गुजर गए, लेकिन अगले दो वर्षों में उन्होंने जिस तरह अपनी नीतियों और कार्य योजनाओं के माध्यम से विकास को गति दी, उससे झारखंड को अलग पहचान मिली है। उन्होंने कहा कि राजधानी रांची को जाम से निजात दिलाने के फ्लाईओवर निर्माण का कार्य तीव्र गति से हो रहा है।

शहर और गांवों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही- मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन

मुख्यमंत्री चंपाई ने कहा कि झारखंड एक ऐसा राज्य है, जो खनिज संसाधनों के मामले में काफी संपन्न है, लेकिन अफसोस इस बात की है कि इसका फायदा इस राज्य को नहीं मिल रहा है। आज भी यहां के ग्रामीण इलाकों की स्थित अच्छी नहीं है। ग्रामीण वर्षों से तरह-तरह की समस्याओं और परेशानियों को झेलते आ रहे हैं। यही वजह है कि जब हेमंत सोरेन ने वर्ष 2019 में मुख्यमंत्री का पद संभाला तो तमाम विपरीत परिस्थितियों के बीच ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए। उन्होंने कहा कि शहरों की तरह गांवों में भी सुविधाएं उपलब्ध कराने की दिशा में काम हो रहा है। मुख्यमंत्री ग्राम गाड़ी योजना के माध्यम से शहर और गांवों के बीच कनेक्टिविटी बढ़ाई जा रही है।

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