बंद विचाराधीन कैदियों ने किया अनशन तो हुई पिटाई

खगड़िया : बंद विचाराधीन कैदियों ने किया अनशन तो हुई पिटाई -खगड़िया जेल प्रशासन द्वारा आगामी 23 जुलाई यानी रविवार की संध्या तीन बजे से छह बजे के बीच करीब खगड़िया मंडल कारा के जेलर प्रमोद पासवान और बड़ा बाबू राजीव यादव द्वारा दो दर्जन से अधिक कैदियों को बेरहमी से पिटाई किया गया। बता दें कि बंद विचाराधीन कैदी ने सिर्फ अपनी मांग को लेकर अनशन किए थे।

बंद विचाराधीन कैदियों ने किया अनशन तो हुई पिटाई – मांगे थी फूल शासन तो फूल राशन

इसका अर्थ आप समझ लीजिए मंडल कारा खगरिया की प्रशासन द्वारा फुल शासन किया जाता है तो सरकार द्वारा दिए गए जेल में मिलनेवाली खाने में किसी प्रकार की कटौती नहीं होनी चाहिए बस इस बात की जेल प्रशासन और कैदियों की बीच है मांग

लेकिन अभी वर्तमान में जैसा खाना मिल रहा है वह जेल के बाहर अगल-बगल घूम रहे कुत्ते भी खाना पसंद नहीं करते हैं। वैसे खाना खाने पर अभी जेल के कैदी मजबूर है। सिर्फ दिखाने के लिए कुछ वार्ड में औरों से वार्डो से बेहतर दिया जाता है। लेकिन वह खाना भी गले की भीतर उतरने का नाम नहीं लेता है। लेकिन किसी तरह अपनी जिंदगी जीने के लिए जाली कटी आधी कच्ची पक्की सुखी रोटी, स्वादहीन दाल,से लेकर सब्जी खाना खाते हैं।

अगर जेल के बंद कोई कैदी आवाज उठाने की कोशिश करता है वह भी कानून, तो उसे वह भी पूरा करने नहीं दिया जाता। जेल अधीक्षक तक लिखित आवेदन तक पहुंचने नहीं दिया जाता है। किसी ना किसी तरीके से रोक लिया जाता है। बिना आवेदन दिए हुए अगर कोई जेल में अनशन करता है तो वहां के जेल प्रशासन द्वारा जानवरों की तरह पीटा जाता है। इतनी भद्दी भद्दी गालियां दी जाती है। वह गाली सिर्फ जेल के बंद कर दी ही सुन सकते अगर बाहर वाला सुनेगा वह खुद आत्महत्या कर के मर सकता है। कुछ उसी तरह की खगरिया मंडल कारा के जेलर प्रमोद पासवान और बड़ा बाबू राजीव यादव के द्वारा किया गया।

विगत रविवार की संध्या 3:00 बजे से लेकर 6:00 बजे तक जिसमें दो दर्जन कैदियों को बेरहमी से पीटा गया। जिसमें गोलू कुमार और आर्यन कुमार को इतना पीटा गया कि वह मरने आसान हो गया। लेकिन प्रशासनिक लगाकर उसे दोनों को भागलपुर जेल भेज दिया गया। खगड़िया जेल प्रशासन द्वारा कानून का एक ऐसा गंदा खेल खेला जा रहा है। जिसे समझने में यहां के प्रशासन को काफी समय लग जाएगी। तब तक जेल में बंद कैदी कितनों की मौत हो जाएगी। वर्तमान इस वर्ष दो कैदी की जेल में मौत हो चुकी है।

जिस कैदी को प्रशासनिक लगाकर खगड़िया से भागलपुर भेजा गया है। अगर उस विचाराधीन कैदी का वीडियो फोटो शूट किया जाए, नग्न करके देखा जाय खुद-ब-खुद सच्चाई सामने आ जाएगी। किस तरह से जेल प्रशासन द्वारा पिटाई किया गया। जिस विचाराधीन कैदी का वीडियो क्लिप नगर अवस्था में बनाया जाएगा। उसमें उस कैदी का हामी होनी चाहिए। वह विचाराधीन कैदी वह अपना नंगा वीडियो बनाने के लिए भी तैयार है।

खगड़िया डीएम साहब आपकी अनुमति हो और आप जांच करें कि खगड़िया जेल की इतनी बर्बरता पूर्ण निर्दयता पूर्ण जो दृश्य सामने आएगा। आप की भी रूह कांप जाएगी। जेल में बंद कैदी को जैसा खाना दिया जा रहा उससे बेहतर खान खगड़िया के सड़क पर मांग के भीख मांगे भी खा लेते हैं। जेल में जो खाना मिलता है डीएम साहब आप खुद एकाएक किसी को कुछ ना बोल कर आप जांच कर ले तो खुद ब खुद समझ में आ जाएगा। किसी भी प्रशासनिक अधिकारी को किसी कैदी से मिलने नहीं दिया जाता मिलने दिया भी जाता तो वह अपना कर खुद पहले चल कर लेता जो कि मेरा कोई शिकायत ना करें।

डीएम साहब आप हमारे एक जिले का सम्मानित व्यक्ति हैं जिसे हम अपना गार्जियन भी कहते हैं। आपसे हमारी एक गुजारिश रहेगी जेल में बंद विचाराधीन कैदी वह विचाराधीन ही है। उसकी स्थिति देख भगवान भी सोचता होगा ऐसा निर्दयता पूर्ण जेलर हमें नहीं बनाना चाहिए। डीएम साहब हमारी आवेदन में हंड्रेड परसेंट की सच्चाई कृपया आप जांच कर देखें हर जगह लूट है। इसी में बंद विचाराधीन कैदी भी जितना जिम्मेदार है उतना जेल प्रशासन भी है।

बंद विचाराधीन कैदी ने सिर्फ अपनी मांग को लेकर किया था, अनशन

एसके राजीव की रिपोर्ट

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